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धान की पराली को मिट्टी में मिलाने पर मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपए, ऐसे पाएं लाभ

कुरुक्षेत्र में एक लाख 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल खड़ी है। धान की कटाई का काम चल रहा है। धान की कंबाइन से कटाई के बाद खेतों में फाने बच जाते हैं। कई किसान इनको मजबूरी में आग लगा देते हैं जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषित होता है।

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PADDY STRAW

कुरूक्षेत्र: हरियाणा में किसानों को धान कटाई के बाद खेत में बचे फसली अवशेषों (फानों) को मिट्टी में मिलाने पर भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे पहले किसानों को फसली अवशेष खेत से बाहर निकालने पर ही एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। प्रदेश की सरकार की ओर से फानों को मिट्टी में दबाने पर भी प्राेत्साहन राशि दिए जाने के फैसले से जिला भर के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा।

किसानों को दिए जा रहे सब्सिडी पर कृषि यंत्र

गौरतलब है कि जिला भर में एक लाख 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल खड़ी है। इन दिनों की धान की कटाई का काम चल रहा है। धान की कंबाइन से कटाई के बाद खेतों में फाने बच जाते हैं। कई किसान इनको मजबूरी में आग लगा देते हैं और इससे पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से लगातार किसानों को फानों से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं।

इस फैसले के अनुसार इस वर्ष जो किसान गैर-बासमती और मुच्छल किस्त के धान के खेत में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल प्लो, जीरो ड्रिल की मदद से फानों को खेत की मिट्टी में मिलाएगा। उसे भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए किसान को प्रत्येक एकड़ में पराली का प्रबंधन करते हुए जीपीएस लोकेशन वाली तस्वीरों का रिकार्ड अपने पास रखना होगा। इसके साथ पोर्टल पर पंजीकरण भी करना होगा। पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के पराली प्रबंधन के कार्य का सत्यापन ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा।

इसके पश्चात उपायुक्त कुरुक्षेत्र की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय कमेटी के अनुमोदन के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जाएगा। किसान का विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणाडाटजीओवीडाटइन पर पंजीकरण होना चाहिए। इससे पहले मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी पंजीकरण होना जरूरी है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि गोशालाओं को धान की पराली-बेल उठाने के लिए यातायात खर्च के एवज में 500 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी। एक गोशाला के लिए अधिकतम सहायता देय राशि की सीमा 15 हजार रुपये होगी। 

फानों को मिट्टी में मिलाने पर भी मिलेंगे एक हजार रुपये

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि धान कटाई का सीजन नजदीक आ रहा है, इसलिए पर्यावरण एवं जनहित में किसान पराली में आग न लगाएं, बल्कि उसका उचित प्रबंधन करना सुनिश्चित करें। प्रदेश सरकार के निर्णय अनुसार खेत से फानों को बाहर निकलवाने किसान और मिट्टी में मिलाने वाले किसान को भी एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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