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मुख्यमंत्री ने की गन्ने के भाव में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा, 372 रुपए हुआ गन्ने का मूल्य

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गन्ने के भाव

चंडीगढ़, 25 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गन्ना किसानों के हित में आज गन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा की। इस बढ़ोतरी के बाद अब गन्ने का मूल्य 372 रुपये हो गया है, जो इसी पिराई सत्र से लागू होंगे। राज्य में गन्ने की मौजूदा कीमत 362 रुपये प्रति क्विंटल है।

मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास संत कबीर कुटीर पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के हितों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

श्री मनोहर लाल ने किसानों से अपील की है कि चूंकि गन्ने के भाव में वृद्धि की गई है, इसलिए अब किसान गन्ने को मिलों में ले जाना शुरू करें, ताकि मिलें सुचारू रूप से चल सकें। चीनी मिलों का बंद होना न तो किसानों के हित में है और न ही मिलों के।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है, फिर भी हम चीनी की कीमत की तुलना में गन्ना किसानों को अधिक कीमत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें लगातार घाटे में चल रही हैं, लेकिन फिर भी हमने समय-समय पर किसानों के हितों की रक्षा की है।

उन्होंने बताया कि इस समय राज्य की चीनी मिलों पर 5293 करोड़ रुपये का घाटा है। सरकारी मिलों में चीनी की रिकवरी का प्रतिशत 9.75 है, जबकि निजी मिलों का प्रतिशत 10.24 है। उन्होंने कहा कि चीनी की रिकवरी बढ़ाने और मिलों को अतिरिक्त आय के लिए मिलों में एथेनॉल और ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के साथ-साथ सहकारी चीनी मिलों की क्षमता बढ़ा रहे हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसने गन्ना किसान की मांगों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति ने किसानों, सहकारी विभाग, निजी मिलों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं और अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की सिफारिश की।

उन्होंने कहा कि इस मौसम में सर्दी अधिक पड़ी है, जिसके कारण सरसों की फसल काफी प्रभावित हुई है। नुकसान का आंकलन करने के लिए 5 फरवरी से नियमित गिरदावरी शुरू की जाएगी और जहां-जहां नुकसान हुआ है, किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

‌गन्ना किसानों को समय पर हो रहा भुगतान

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में गन्ना किसानों का समय पर भुगतान किया जाता है। वर्ष 2020-21 में 2628 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इस वर्ष को कोई भी बकाया नहीं है। इसी प्रकार, वर्ष 2021-22 में केवल 17.94 करोड़ रुपये नारायणगढ़ चीनी मिल के पीडीसी को छोड़कर 2727.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि ‌सहकारी चीनी मिलों को निर्देश दिए हुए हैं कि एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को भी ऑफर दी गई है कि यदि वे चीनी मिलों का संचालन करना चाहें तो सरकार इस पर भी विचार कर सकती है।

गन्ने के मुद्दे पर राजनीति न करें विपक्ष और किसान यूनियन

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष और कुछ किसान यूनियन इस विषय पर राजनीति कर रहे हैं, जो कि उचित नहीं है। किसान भी आज समझते हैं कि चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं और फिर भी सरकार किसानों के हित में निर्णय ले रही है। इसलिए विपक्ष के नेता और कुछ किसान यूनियन इस विषय पर राजनीति न करें, जनता उन्हें जवाब देगी।

पटवारियों का पे-स्केल बढ़ाया

श्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले दिनों पटवारियों ने सरकार के समक्ष अपने वेतन में वृद्धि की मांग रखी थी। इसका सरकार ने अध्ययन किया और माना कि वेतन में वृद्धि की जानी चाहिए। इसलिए पटवारियों को पे-स्केल बढ़ाया है और अब उनका वेतन 25 हजार से 32,100 रुपये हो गया है। इस बारे में 24 जनवरी को अधिसूचना जारी की जा चुकी है।

कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग की व्यवस्था शुरू की हैहमने छोटे टेंडर यानी 25 लाख रुपये तक के कार्य के लिए समय सीमा 4 दिन, 1 करोड़ रुपये तक की 15 दिन निर्धारित की है। सरकार ने गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं के खातों में 1100 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। पंचायतों ने प्रस्ताव पारित करने शुरू कर दिये हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

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