हरियाणा में आलू की कीमतों में गिरावट से किसान परेशान, 250-350 रुपये प्रति क्विंटल हो रहा घाटा
हरियाणा में आलू की कीमतों में गिरावट से किसान परेशान हैं। पिछले महीने के 400 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 250-350 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है, किसान उत्पादन लागत भी वसूलने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। किसानों को डर है कि कीमतों में और गिरावट आ सकती है क्योंकि अलग-अलग राज्यों से मांग में कमी के कारण कोई खरीददार नहीं है।
किसानों का कहना है कि कीमत कम होने की वजह से वे करीब चार महीने की जद्दोजहद के बाद भी लागत वसूल नहीं कर पा रहे हैं। करनाल के एक किसानों ने बताया कि मैंने 15 एकड़ जमीन पर आलू की फसल लगाई है। इसमें से मैंने दो एकड़ में फसल काटी है और 250 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदी हुई है। मैंने प्रति एकड़ केवल 25,000 रुपये कमाए, जबकि उत्पादन लागत लगभग 55,000 रुपये प्रति एकड़ थी।
एक अन्य किसान का कहना है कि मैंने अपनी फसल को भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) के तहत ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकृत करवाया, जो आलू किसानों को 6 रुपये प्रति किलोग्राम का आधार मूल्य देता है। अब, मुझे आधार मूल्य और खरीद दर के बीच अंतर जानने के लिए विभाग के पास आवेदन करना होगा।
चूंकि आलू का लाइफ सीमित होता है, इसलिए किसान मूल्य वृद्धि की उम्मीद में अपने उत्पादों को अपने घरों में जमा कर रहे हैं। एक अन्य किसान ने भी 15 एकड़ की उपज अपने घर पर रखी है। कहते हैं कि किसानों को उनकी आलू की फसल के लिए कम कीमत मिल रही है, जिसके कारण मैंने अपने घर पर उपज का भंडारण किया है। मैं कीमत बढ़ने का इंतजार करूंगा।
जिला बागवानी अधिकारी मदन लाल ने कहा कि बीबीवाई के तहत 627 किसानों ने 2,638 एकड़ में आलू की फसल का पंजीकरण कराया है। किसानों को अपना फॉर्म जे संबंधित मार्केट कमेटी कार्यालय में अपलोड करवाना होगा। एचएसएएमबी तब उन्हें आधार मूल्य और खरीद दर के बीच के अंतर का भुगतान करेगा।