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20 वर्ष पहले शेड लगाकर पिता ने शुरु की मशरूम की खेती, अब कमा रहा लाखों रूपए महीना

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20 वर्ष पहले शेड लगाकर पिता ने शुरु की मशरूम की खेती, अब कमा रहा लाखों रूपए महीना 

Mushroom farming : 20 वर्ष पहले शेड लगाकर पिता ने मशरूम की खेती शुरु की थी जिसकी वजह से अब किसान का बेटा अब लाखों रूपए महीना कमा रहा है। आपको बता दें की 

आज भी ज्यादातर किसान परंपरागत खेती कर रहे हैं, लेकिन बढ़ते खर्चों और कम मुनाफे के चलते कुछ किसान परंपरागत खेती छोड़ आधुनकि खेती का रुख कर रहे हैं.

 जिससे किसानों को लाखों का लाभ मिल रहा है. ऐसे ही एक किसान हैं टोहाना के दीपक धमीजा, जो परंपरागत खेती को छोड़ मशरूम की खेती कर लाखों कमा रहे हैं.

 यह कमाई डेढ़ एकड़ जमीन से की जा रही है.

20 वर्ष पहले शेड से शुरू की थी खेती

दीपक धमीजा ने बताया कि 20 वर्ष पहले उनके पिता ने एक शेड बनाकर मशरूम की खेती का कार्य शुरू किया था और आज बेटा एसी प्लांट लगाकर मशरूम की पैदावार कर रहा है.

 डेढ़ एकड़ का किसान 1 महीने में 2 से 3 लाख कमा रहा है.

 इसके अलावा 15 से 20 लोगों को कारोबार भी दे रहा है.


ऐस हुई काम की शुरुआत


किसान दीपक धमीजा ने बताया कि 20 साल पहले जब पिता जी की जमीन का बंटवारा हुआ तो उनके हिस्से में केवल डेढ़ एकड़ कृषि भूमि आई थी.

 इस जमीन से परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल था. जिस बात को लेकर पिता जी चिंतित थे.

 उन्होंने सोचा कि कुछ हटके किया जाए, जिससे आमदनी भी हो और परिवार का गुजर-बसर आसानी से हो जाए.

 इसके बाद उन्होंने कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनिंग लेकर मशरूम की खेती शुरू कर दी,

 जिससे अच्छी खासी आमदनी होने लगी. धीरे-धीरे कारोबार को बढ़ाना शुरू किया.

 मैंने भी पिता के साथ हाथ बटाना शुरू किया तो कारोबार बढ़ता गया.

 मशरूम की खेती से आमदनी भी बढ़ती गई. 

आज इस डेढ़ एकड़ से करीब दो से ढाई लाख तक आमदनी हो रही है.


 20 लोगों को दिया गया रोजगार

 कारोबार को बढ़ाने के इरादे से मशरूम की पैदावार के लिए एसी प्लांट लगाया है.

 जिसमें करीब 20 लोगों को रोजगार दिया है. किसान ने बताया कि लगभग 50 दिन में मशरूम तैयार हो जाती है.

 मशरूम की पैकिंग कर टोहाना, हिसार, फतेहाबाद के अलावा पंजाब में भी सप्लाई की जाती है. 

दिन प्रतिदिन मशरूम की डिमांड बढ़ रही है, जिससे आमदनी में भी इजाफा हो रहा है.

सरकार देती है 40% सब्सिडी

 मशरूम की खेती करने वाले किसानों को सरकार द्वारा 40% सब्सिडी दी जाती है.

 मशरूम को पैदा करने के लिए गेहूं का भूसा गोबर खाद के मिश्रण का प्रयोग किया जाता है.

 छोटे किसान अगर परंपरागत खेती को छोड़कर मशरूम की पैदावार करें तो कम लागत में अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं.

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