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खाद की कीमतें नहीं बढ़ेंगी, किसानों को राहत , 22, 303 करोड़ की सब्सिडी मंजूर


Fertilizer prices will not increase, relief to farmers, subsidy of Rs 22,303 crore approved
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खाद

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए रबी सीजन के लिए 22,303 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है। साथ ही, डीएपी पर 4,500 रुपये प्रति टन की अतिरिक्त सब्सिडी भी जारी रहेगी। इससे किसानों को सस्ती दरों पर खाद मिलती रहेगी। सब्सिडी से 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा। सरकारी खजाने पर करीब 22,303 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में अक्तूबर, 23 से मार्च, 2024 तक फॉस्फेट और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पीएंडके उर्वरक में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश व सल्फर होता है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, सरकार किसानों को वाजिब कीमत पर उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया, सब्सिडी की प्रति किलोग्राम दरें नाइट्रोजन के लिए 47.2 रुपये, फॉस्फोरस के लिए 20.52 रुपये, पोटाश के लिए 2.38 रुपये और सल्फर के लिए 1.89 रुपये रखी गई हैं। इससे पहले, सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की थी।


अन्नदाता पर बोझ नहीं डालना चाहती सरकार ठाकुर ने कहा, सरकार नहीं चाहती कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने का असर किसानों पर पड़े। इसलिए, सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी जारी रखी है। किसानों को डीएपी पुरानी कीमत 1,350 रुपये प्रति बोरी पर ही मिलती रहेगी। इसी तरह, एनपीके उर्वरक 1,470 रुपये प्रति बोरी मिलेगा। किसानों को एक रुपया भी अतिरिक्त नहीं देना होगा। ■ उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के माध्यम से सरकार उर्वरकों के 25 ग्रेड उपलब्ध करा रही है। इन पर 1 अप्रैल, 2010 से सब्सिडी दी जा रही है।


उत्तराखंड में जमरानी बांध मंजूर यूपी को 58 फीसदी व उत्तराखंड को 42 फीसदी पानी मिलेगा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना प्रेरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी है। इस पर 2,584 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस परियोजना के तहत नैनीताल जिले में रामगंगा की सहायक गोला नदी पर जमरानी के पास बांध निर्माण कराया जाएगा, जो गोला बैराज को पानी देगा। इससे उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों को फायदा होगा।
 

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