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Haryana: पश्चिमी विक्षोभ के असर से तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं हुई बूंदाबांदी, दो दिन और रहेगी बारिश की संभावना

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हरियाणा में सोमवार को उत्तर पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार को प्रदेश में भी देखने को मिला। इस दौरान कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। हालांकि कई जगहों पर सुबह से ही हल्के बादल छाए रहे। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो 1 व 2 मार्च को भी प्रदेश में कहीं-कहीं बूंदाबांदी से लेकर हल्की बारिश की संभावना रहेगी।

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि सोमवार रात को उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार दोपहर बाद दिखाई दिया। इसकी वजह से आंशिक बादलवाही और तेज गति से हवाएं चलने और कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी दर्ज हुई।

इस दौरान चंडीगढ़, पंचकूला, भिवानी, लोहारू, सतनाली, नारनौल, अटेली, रेवाड़ी क्षेत्रों में तेज गति की हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। मंगलवार को प्रदेश के न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री की गिरावट आई और यह 10.0 से 15.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज हुई और यह 24.0 से 31.0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।

आगे ऐसा रहेगा मौसम

वर्तमान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब और पंजाब से सटे हरियाणा के हिस्सों, और उत्तरी राजस्थान में हल्की बारिश व तेज गति की हवाओं के साथ एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना बन रही है। 1 मार्च को इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा और 2 मार्च को इसका असर कम हो जाएगा। 3 मार्च को सुबह के समय कोहरा छा सकता है। वहीं 4 मार्च को एक और कमजोर पश्चिमी सक्रिय होगा, जिसकी वजह से भी प्रदेश में सीमित स्थानों पर तेज गति की हवाओं के साथ छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना बन रही है।

फरवरी में प्रदेश के 22 में से 21 जिलों में सामान्य से 100 प्रतिशत कम हुई बारिश

उधर फरवरी माह में इंद्र देवता प्रदेश से काफी खफा नजर दिखे। प्रदेश के 22 में से 21 जिलों में सामान्य से 100 प्रतिशत कम बारिश हुई। मात्र पंचकूला एक ऐसा जिला है, जहां 0.2 एमएम बारिश दर्ज की गई। भारतीय मौसम विभाग की मानें तो फरवरी में प्रदेश में 17.4 एमएम बारिश होती है, जबकि जीरो एमएम बारिश हुई है।

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