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Haryana News: जानें हरियाणा में बासमती धान के दाम क्यों गिरे, 3900 रुपये प्रति क्विंटल से आए 2900 रुपये प्रति क्विंटल

हरियाणा के कई जिलों की मंडियों मैं बासमती धान की खरीद बंद कर दी गई है, जिस जिसका कारण हम आपको नीचे बताने वाले हैं हरियाणा प्रदेश की मंडियों में करीब 1 करोड़ धान पड़ा हुआ है,
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जानें हरियाणा में बासमती धान के दाम क्यों गिरे, 3900 रुपये प्रति क्विंटल से आए 2900 रुपये प्रति क्विंटल

Haryana News: हरियाणा के कई जिलों की मंडियों मैं बासमती धान की खरीद बंद कर दी गई है, जिस जिसका कारण हम आपको नीचे बताने वाले हैं हरियाणा प्रदेश की मंडियों में करीब 1 करोड़ धान पड़ा हुआ है, जिसका कारण बताया जा रहा है कि सरकार ने निर्यात दरों में वृद्धि कर दी है पहले यह मूल्य 800 से 850 डॉलर प्रति टन रहता था, परंतु सरकार ने अब इसको बढ़कर $1200 कर दिया है.

हरियाणा के बड़े निर्यातकों का कहना है कि उन्होंने 2 महीने पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक की थी परंतु कोई हाल नहीं निकला और ना ही कोई समाधान हो पाया, इसके कारण निर्यातको ने धान खरीद को बंद करना पड़ा, जिससे कि धान की कीमतों में गिरावट आएगी

मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान लगातार धान की कटाई कर अगली फसल की बुआई कर रहे हैं. वे धान को खेतों से सीधे बाजार तक ला रहे हैं. 

इस बीच निर्यातक धान खरीदने से पीछे हट गये, जिससे स्थानीय कमीशन एजेंट भी धान की डिलीवरी में मदद करने लगे. नतीजा यह है कि पिछले दो दिनों से मंडियों में धान की खरीद लगभग ठप है.

जानें ताजा बासमती धान के रेट

बासमती धान का रेट 4700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 3500 से 3700 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है। 1509 किस्म के रेट 3900 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2900 रुपये हो गए हैं.

आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मवीर मलिक का कहना है कि मंडियों में धान की खरीदारी बिल्कुल बंद हो चुकी है जिसके कारण धान के निर्यात का धंधा बिल्कुल ठप हो चुका है, मंडियों में धान बिल्कुल भी नहीं निर्यात हो पा रही है. 509, 1121, 1718 और 1847 को निर्यातक बाजार से नहीं खरीद रहे हैं।


 आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मवीर मलिक ने आगे बात करते हुए बताया कि सरकार को इस मसले पर तुरंत फैसला लेना चाहिए. पानीपत मतलौडा मंडी में निर्यातकों के लिए धान खरीदने वाले कारोबारी सतीश गर्ग ने बताया कि निर्यातक 800 से 850 डॉलर प्रति टन पर धान बेचने को तैयार हैं।

लेकिन सरकार ने इसका रेट 1200 डॉलर प्रति टन तय किया है. यह निर्यातकों के लिए चिंता का विषय है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

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