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IMD Weather Alert: हरियाणा, राजस्थान में सक्रिय होगा नया पश्चिमी विक्षोभ! इस दिन से होगी झमाझम बारिश, देखिए मौसम भविष्यवाणी

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IMD Weather Alert

IMD Weather Alert: हरियाणा, पंजाब, राजस्थान समेत उत्तर भारत में एक बार फिर बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक 5 फरवरी यानि कल से मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता और कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की क्रियाएं शुरु हो जाएगी। आइये जानते हैं मौसम पूर्वानुमान

मौसम पूर्वानुमान

हरियाणा राज्य में 5 फरवरी तक मौसम आमतौर पर खुश्क संभावित। इस दौरान उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने के कारण रात्रि तापमान में गिरावट होने तथा अलसुबह धुंध संभावित। इस दौरान उत्तरपश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है परंतु दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है।

देश भर में मौसम प्रणाली

दक्षिण श्रीलंका के ऊपर के ऊपर बना हुआ डिप्रेशन दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और 2 फरवरी को 23:30 घंटे IST पर एक गहरे कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में मन्नार और श्रीलंका के पश्चिमी तट के पास पहुंच गया है। संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तरों तक फैला हुआ है। इसके दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है और 3 फरवरी की शाम तक कम दबाव वाले क्षेत्र में कमजोर हो सकता है।

पश्चिमी विक्षोभ को जम्मू कश्मीर के ऊपर पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में देखा जाता है।

अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि

अगले 24 घंटों के दौरान, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात संभव है।

तमिलनाडु के दक्षिणी भागों, दक्षिण केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक या दो तीव्र बौछारों के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

जानें पश्चिमी विक्षोभ क्या होता है

पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक तूफान है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अचानक सर्दियों में बारिश लाता है।  यह बरसात मानसून की बरसात से अलग होती है। आने वाले तूफान या कम दबाव वाले क्षेत्र भूमध्यसागरीय क्षेत्र, यूरोप के अन्य भागों और अटलांटिक महासागर में उत्पन्न होते हैं।

पश्चिमी विक्षोभ की उत्पत्ति कैसे होती है? 

पश्चिमी विक्षोभ की उत्पत्ति कम दबाव वाले क्षे त्र भूमध्यसागरीय क्षेत्र, यूरोप के अन्य भागों और अटलांटिक महासागर में होती है। क्योंकि यह अशांत हवाएं भारत में पश्चिम दिशा से प्रवेश करती है इसलिए इन्हें पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है।
 

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