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New Varieties of Mustard: हरियाणा के CSSRI संस्थान ने ईजाद की सरसों की 3 नई किस्में, जानें किसानों को क्या होगा लाभ

 CSSRI ने हरियाणा समेत सभी आसपास के राज्यों के किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है.
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हरियाणा के CSSRI संस्थान ने ईजाद की सरसों की 3 नई किस्में, जानें किसानों को क्या होगा लाभ 

New Varieties of Mustard:   CSSRI ने हरियाणा समेत सभी आसपास के राज्यों के किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है. संस्थान ने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर और खासतौर पर UP के लवणीय जमीन वाले क्षेत्रों के लिए सरसों की बेहद खास तरह की नई किस्म ईजाद की है. इससे उन क्षेत्रों में भी सरसों की फसल लहलहाएगी, जहां अभी सरसों का एक दाना भी पैदा नहीं होता है.

ये हैं 3 नई किस्में

हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों के साथ- साथ खासतौर पर उत्तर प्रदेश के इटावा, हरदोई, प्रतापगढ़, कौशांबी, अवध क्षेत्र, लखनऊ, कानपुर आदि एक बड़ा भूभाग क्षारीय है, जहां अभी सरसों की पैदावार होती ही नहीं है. ऐसे क्षेत्रों में लवणसहनशील तीन नई किस्मों CS- 61, CS- 62 और CS- 64 के बीज काफी लाभकारी साबित होंगे.

इनमें से दो किस्में CS- 61 और CS- 62 यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों के लिए अनुशंसित कर दी हैं जबकि तीसरी किस्म CS- 64 को केंद्रीय कृषि विमोचन समिति ने रिलीज कर दिया है. हालांकि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों के लिए संस्थान में तैयार की गई लवणरोधी किस्में CS- 56, CS- 58 और CS- 60 को पहले ही रिलीज किया जा चुका है और इनका बीज किसानों को उपलब्ध कराया जा चुका है.

2024 से किसानों को मिलेगा बीज

इन तीनों किस्मों का बीज साल 2024 से किसानों को मिलना शुरू हो जाएगा. हालांकि, सरसों की कुछ लवणसहनशील किस्में पहले से मौजूद हैं, जिनका बीज संस्थान ने वितरण करना शुरू कर दिया है. बता दे इसकी बिजाई 25 अक्तूबर तक की जा सकती है.

ये हैं खास बातें

CSSRI के प्रधान वैज्ञानिक डॉ जोगेंद्र सिंह ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में ये तीनों किस्में 27- 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देगी जबकि क्षारीय भूमि में इनकी पैदावार लगभग 21- 23 क्विंटल तक रहेगी. इन किस्मों की विशेषता यह है कि इनमें तेल की मात्रा 41 फीसदी होगी जबकि अन्य में 38 फीसदी रहती है. वहीं, इन नई किस्मों के लिए बिजाई का अनुकूल समय 1 से 25 अक्टूबर तक रहेगा.

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