SSC Exam News : पहली बार 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होगी SSC MTS और CHSL की परीक्षा, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने किया फैसला, जानें पूरी बात
SSC Exam News : अभ्यर्थियों को जानकर ख़ुशी होगी की अबकी बार पहली बार 13 क्षेत्रीय भाषाओं में SSC MTS और CHSL की परीक्षा आयोजित की जायेगी।
इसके लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने कर्मचारी चयन आयोग की मल्टीटास्किंग स्टाफ (MTS) 2022 परीक्षा और सीएचएसएल 2022 परीक्षा को मंजूरी दी है।
इस संबंध में जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
इन भाषाओ में बनाया जाएगा पेपर
उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, प्रश्न पत्र 13 क्षेत्रीय भाषाओं यानी असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओडिया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी (मीती भी) और कोंकणी में बनाया जाएगा।
एसएससी एमटीए, सीएचएसल की परीक्षा में हर लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के फैसले के बाद ये छात्र अब अपनी क्षेत्रीय भाषा में भी परीक्षा दे सकेंगे।
डीओपीटी के आदेश के मुताबिक कर्मचारी चयन आयोग ने इसकी शुरुआत MTS परीक्षा 2022 और CHSLE 2022 से की है। ये दोनों ही परीक्षाएं 15 भाषाओं (13 क्षेत्रीय भाषाओं + हिंदी + अंग्रेजी) में आयोजित की जाएगी।
आपको बता दें कि बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) / रेलवे भर्ती बोर्ड (RRBs) द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षाओं को पहले से ही आयोजित किया जा रहा है।
एमटीएस की परीक्षा की परीक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। जबकि सीएचएसल के लिए नोटिफिकेशन जून में जारी किया जाएगा।
अन्य भाषाओँ में परीक्षा के लिए की जा रही थी मांग
बतादें कि विभिन्न राज्यों से अंग्रेजी और हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में एसएससी परीक्षा आयोजित करने की लगातार मांग की जा रही थी। जिसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से एक विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति भी की गई थी।
एनालिसिस के बाद विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ कई तरह की सिफारिश की थी।
कमेटी ने कहा था कि भारत कई भाषाएं बोली जाती हैं। हिंदी और अंग्रेजी में 10वीं-12वीं स्तर की परीक्षा आयोजित करने से क्षेत्रीय भाषाओं के अभ्यर्थियों को दिक्कत होती है। ऐसे में ये परीक्षाएं बहु भाषाओं में आयोजित करना उचित होगा।
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं को अंतत: शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एसएससी लगातार यह सुनिश्चित करने के लिए काम करता है कि सभी वर्गों में समानता हो। साथ ही क्षेत्रीय असमानताओं को भी खत्म किया जा सके।