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हरियाणा में निजी क्षेत्र के रोजगार में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण, अब इस राज्य ने उठाया यह कदम

हरियाणा में स्थानीय युवाओं के लिए प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 75 प्रतिशत रोजगार कानून बना रखा है।
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हरियाणा में निजी क्षेत्र के रोजगार में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण

हरियाणा में स्थानीय युवाओं के लिए प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 75 प्रतिशत रोजगार कानून बना रखा है। हालांकि, इस कानून पर अभी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है लेकिन झारखंड राज्य ने हरियाणा की तर्ज पर ही 75 प्रतिशत रोजगार कानून के लिए एक पोर्टल लॉन्च कर दिया है। 

सरकार के इस कदम के बाद अब झारखंड में काम करने वाली कंपनियों को सरकार के पोर्टल पर निबंधन कराना होगा और अब निजी कंपनियों को 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा। इसके लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने एक पोर्टल का उदघाटन किया। पोर्टल पर युवा भी रोजगार के लिए आवेदन कर सकते है।

झारखंड के श्रम नियोजन, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की ओर से यह पोर्टल बनाया गया है। इसके माध्यम से सरकार निजी कंपनियों और रोजगार ढूंढ रहे युवाओं को प्लेटफार्म देगी। पोर्टल पर कंपनियां अपने व्यवसाय और उससे संबंधित मानव बल के बारे में जानकारी देगी, जबकि रोजगार के लिए अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन कर आवेदन भी कर सकेंगे।

झारखंड राज्य के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने के लिए सरकार की ओर से एक विधेयक भी विधानसभा पारित किया गया है। यह कानून 12 सितंबर 2022 से लागू हो चुका है। इसके तहत निजी कंपनियों को 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को अवसर देना होगा। 

निजी क्षेत्र में 10 या 10 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को इस अधिनियम के अनुसार चलना होगा। प्राइवेट कंपनियों को इस पोर्टल पर अपना निबंधन करवाना होगा। अब इन कंपनियों की ओर से कोई नौकरी दी जाती है तो 40 हजार वेतन तक के पदों पर 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को नियुक्त करना होगा। 

आपको बता दें कि हरियाणा में भी इस तरह 75 प्रतिशत रोजगार कानून का प्रदेश के युवाओं को फायदा मिल सकता है क्योंकि सरकार की ओर से ऐसा कानून बनाया गया है। अब बस इंतजार है तो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की हरी झंडी का। हरियाणा ने पहले से ही इस कानून को लेकर पोर्टल जारी कर रखा है।  

हरियाणा के इस कानून के मुताबिक अगर कोई कंपनी, फैक्टरी, संस्थान, ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छुपाएगा तो उस पर जुर्माने का भी प्रावधान है। कानून के अनुसार निजी सेक्टर में पहले से कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। 30 हजार रुपए तक की नौकरी वाले हर कर्मचारी को श्रम विभाग की वेबसाइट पर अपने नाम का पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण नि:शुल्क है, इसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी, फर्म अथवा रोजगार प्रदाता की होगी। 

इसके अलावा जो कंपनी अपने कर्मचारी की सूचना पंजीकृत नहीं करवाएगी उसे ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ के सेक्शन-3 के तहत 25 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना किया जा सकेगा। अगर फिर भी कंपनी कानून का उल्लंघन करती है तो उसे हर रोज पांच हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। 

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