Basant Panchami 2023 : वसंत पंचमी के दिन न करें ये काम, वरना होगा बड़ा नुकसान, मां सरस्वती हो जाएंगी नाराज
वाणी की शुद्धता और समृद्धि के लिए मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती को शिक्षा की देवी भी कहा जाता है। वसंत पंचमी का पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व वसंत के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। इस तिथि पर देवी सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं वसंत पंचमी तिथि पर मां सरस्वती की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होती है।
कब है वसंत पंचमी
इस वर्ष वसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी के दिन ही बुद्धि, ज्ञान और विवेक की जननी माता सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था। इसी लिए वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती हैं। वसंत पंचमी के दिन बिन किसी शुभ मुहूर्त देखे कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, विद्यारंभ, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश आदि किए जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जो भूलकार भी वसंत पंचमी के दिन नहीं करने चाहिए। इन कार्यों को करने से मां सरस्वती रुष्ट हो जाती हैं। आइए जानते हैं वसंत पंचमी पर कौन से कार्य करना वर्जित माना जाता है।
वसंत पंचमी पर भूलकर भी न करें ये काम
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है। इस दिन बिना स्नान किए किसी भी चीज का सेवन न करें। स्नान आदि करने के बाद मां सरस्वती की पूजा करने के बाद ही कुछ ग्रहण करें।
पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई न करें
वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है इसीलिए इस दिन पेड़-पौधों की कटाई-छटाई न करें। वसंत ऋतु के सम्मान के लिए वृक्षों को काटने से बचें।
पीला वस्त्र धारण करें
धार्मिक मान्यता है कि देवी सरस्वती का जब अवतरण हुआ था तब ब्रह्मांड की आभा लाल, पीली और नीली थी लेकिन सबसे पहले पीली आभा के दर्शन हुए थे। इसीलिए कहते हैं कि देवी सरस्वती को पीला रंग प्रिय है। इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
मांस-मदिर से दूर सात्विकता बरतें
वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा आराधना होती है। हवन आदि भी किया जाता है। इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना अच्छा होत है। वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के दिन मांस-मंदिरा से दूरी बनाकर रखें।
मन में गलत विचार न लाएं
वसंत पंचमी के दिन मन में कोई भी गलत विचार न लाएं और न ही किसी व्यक्ति को अपशब्द कहें। जितना संभव हो मां सरस्वती कि वंदना करें और सरस्वती मंत्र का जाप करें।