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Chanakya Niti: पति अगर करे इन चीजों की डिमांड तो पत्नी को कभी नहीं करना चाहिए मना, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति

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CHANAKYA NITI

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के सिद्धांत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं. सामान्य जीवन के रिश्तों पर चाणक्य के विचार अगर किसी ने अपनी जिंदगी में आत्मसात कर लिए तो वह बेहतर जिंदगी जी सकता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, परिवार, रिश्ते, मर्यादा, समाज, संबंध, देश और दुनिया के साथ ही कई और चीजों को लेकर बातें कही हैं. ऐसे में चाणक्य ने पति-पत्नी के संबंध और रिश्तों को लेकर भी कई बातें कहीं हैं. इन बेहद जरूरी बातों को जानकर आप अपने रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं. 

आपकी शादीशुदा जिंदगी में तनाव पैदा हो तो आपको चाणक्य के इन नीति शास्त्र के सिद्धांतों पर एक बार गौर करना चाहिए. ऐसे में शादीशुदा जिंदगी को लेकर चाणक्य के नीति शास्त्र के सिद्धांत को हर व्यक्ति को अपने जीवन में उतारना चाहिए.  दांपत्य जीवन को लेकर चाणक्य ने कई नीतियों का जिक्र किया है. चाणक्य की मानें तो सफल गृहस्थ जीवन के लिए और उसमें खुशियां भरने के लिए पति और पत्नी दोनों को एक-दूसरे का साथ देना बेहद जरूरी है.

ऐसे में अपनी शादीशुदा जिंदगी को बेहतर बनाए रखना है तो एक दूसरे को कई तरीके से संतुष्ट रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में पति और पतिन दोनों को एक दूसरे के मनोभावों और विचारों का सम्मान करना चाहिए और दोनों को एक दूसरे की कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियों को पुरुषों की किन चीजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, कौन सी ऐसी चीजें हैं जिसकी मांग अगर पुरुष करते हैं तो स्त्री को बेझिझक उसे पूरा करना चाहिए. 

प्रेम 

अगर पति-पत्नी के बीच प्रेम की कमी हो तो रिश्तों में प्रगाढ़ता कभी नहीं आ सकती है. कई बार ऐसा देखा गया है कि पति और पत्नी के बीच प्रेम की कमी से रिश्तों में दरार आ जाती है. ऐसे में पति की इस इच्छा पर पत्नी को ध्यान देने की जरूरत है. आपस में प्रेम की कमी रिश्तों में गांठ डाल देगी. ऐसे में पत्नी को हमेशा पति के प्रति प्रेमभाव रखना चाहिए और यही पति के लिए भी जरूरी है. जिससे दोनों के रिश्तों में सबकुछ सामान्य चलता रहे. ऐसे में पति को संतुष्ट रखने के लिए मनोभाव का प्रेम और शारीरिक प्रेम दोनों को पत्नी को देना चाहिए.

खुशी

पत्नी हमेशा पति से ज्यादा समझदार और बेहतर मैनेजमेंट करने वाली होती हैं. ऐसे में पति के सुख-दुख में हमेशा पत्नी को साथ खड़ा रहना चाहिए और हमेशा पति को खुश रखना चाहिए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो पत्नी अकेली ऐसी नारी होती है तो पति को संबल प्रदान करती है और विपरित परिस्थितियों से लड़ने की ताकत देती है. आप रिश्तों को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो पति की छोटी-छोटी खुशियों में अपने लिए खुशियां ढूंढने की कोशिश करें. ऐसे में पति की उदासी का कारण ढूंढकर पत्नी को इसे दूर करने का हमेशा प्रयास करना चाहिए.

पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुखद वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी को एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना, रिश्तों में मधुरता बनाए रखना, बर्दाश्त करने की क्षमता रखना और साथ ही प्रेम का होना बहुत आवश्यक है. यदि इन चीजों की कमी पति-पत्नी के रिश्तों के बीच हो तो पूरा परिवार वैसे बिखर जाएगा जैसे सूखे पत्ते पेड़ की टहनियों से टूटकर बिखर जाते हैं. दोनों के बीच अगर रिश्तों में सामंजस्य बेहतर है तो उनका जीवन स्वर्ग के समान है. पति की चाहतों का ख्याल रखना पत्नी का धर्म है. प्रेम पति-पत्नी के बीच रिश्तो को मजबूत बनाता है.

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