Harvinder Singh Rinda Death: पाक का चेहरा बेनकाब, ड्रग ओवरडोज से आतंकी रिंदा की मौत; मूसेवाला मर्डर केस से है कनेक्शन
Khalistan Latest Update: पाकिस्तान (Pakistan) के नापाक इरादों के बारे में पूरी दुनिया को खबर है फिर भी वह झूठ का नकाब ओढ़े अपने गुनाहों को छिपाने की कोशिश करता है. लेकिन ज़ी न्यूज़ ने इंसानी शक्ल में आतंक की मशीनें तैयार करने के पाकिस्तान के मकसद का खुलासा किया है. पाकिस्तान दुनिया में खासकर भारत के खिलाफ आतंक फैलाने वाले आतंकियों को ना केवल पनाह देकर उनका पनाहगार बना हुआ है साथ ही इन आतंकवादियों के नापाक मंसूबो में शामिल भी है. भारत में और खासकर भारत के पंजाब में आतंक फैलाने वाले आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा संधू (Harvinder Singh Rinda Sandhu) की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई है और उसने पाकिस्तान के एक अस्पताल में ही दम तोड़ दिया है.
आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा की मौत
आपको बता दें कि आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा भारतीय एजेंसियों के लिए सिरदर्द बना हुआ था. पिछले कई घटनाक्रमों में रिंदा का नाम सामने आ चुका था. पंजाब के गैंगस्टरों के साथ भी रिंदा के मजबूत संबंध थे. जिनके जरिए वह भारत में खासकर पंजाब में आतंक फैला रहा था. विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में पनाह लिए मोस्ट वांटेड आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा की मौत इस्लामाबाद के एक अस्पताल में हुई और उससे पहले लाहौर के एक अस्पताल में भी उसे ले जाया गया था. लेकिन तबीयत काफी ज्यादा बिगड़ने के चलते उसे सैनिक अस्पताल शिफ्ट करना पड़ा था. यहां भी डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके और उसकी मौत हो गई.
पंजाब सरकार की नाक में कर रखा था दम
जान लें कि पिछले कई दिनों से रिंदा ने पंजाब सरकार की नाक में दम कर रखा था. रिंदा पंजाब में टारगेट किलिंग और आतंकवाद फैलाने के लिए की गई कई वारदातों में वांछित था. पहले हरविंदर सिंह रिंदा संधू एक गैंगस्टर ही था, लेकिन उसने पाकिस्तान में आईएसआई की शरण प्राप्त एक अन्य मोस्ट वांटेड आतंकवादी वधावा सिंह के साथ हाथ मिला लिया था. रिंदा बब्बर खालसा के प्रमुख वधावा सिंह का दाहिना हाथ बन चुका था और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भी रिंदा को अपने साथ जोड़ लिया था. रिंदा के जरिए आईएसआई पंजाब में ड्रोन की मदद से हथियारों की सप्लाई करने लगा था. इसके साथ ही रिंदा ने गैंगस्टर रहते पंजाब में अपना नेटवर्क स्थापित किया था. छोटे अपराधियों को उसने आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था. मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस मुख्यालय की इमारत पर आरपीजी हमला इसी कड़ी का हिस्सा था.
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में आया था नाम
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के अलावा अन्य कई जघन्य वारदातों में गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई समेत जितने भी अपराधियों के नाम सामने आए, उनके पीछे हरविंदर रिंदा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया. गौरतलब है कि एनआईए ने दो महीने पहले रिंदा पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. एनआईए ने रिंदा की गतिविधियों की सूचना देने के लिए कई फोन नंबर भी जारी किए थे. पिछले दिनों पंजाब में एनआईए के जो छापे मारे गए उसमें भी यह बात सामने आई थी कि यह छापे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों और स्थानीय गैंगस्टरों के गठजोड़ को खत्म करने के लिए मारे गए थे.
बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की गोद में बैठा नामी गैंगस्टर हरविंदर रिंदा बब्बर खालसा का कुख्यात आतंकी बन चुका था, लेकिन पंजाब में नामी गैंगस्टरों समेत कई बदमाश रिंदा के संपर्क में थे. इतना ही नहीं, एजेंसियों को आशंका है कि रिंदा का पंजाब में गैंगस्टरों के जरिए जमीनी स्तर पर जबरदस्त नेटवर्क था. इसका पूरा फायदा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ले रही थी. रिंदा पंजाब में नामी गैंगस्टर रहा है, उस पर 50 हजार रुपये का नकद इनाम भी था. पंजाब के नामी गैंगस्टर के साथ संबंध थे. पंजाब की खुफिया एजेंसियों को इसके कई इनपुट भी मिले थे. पंजाब पुलिस ने अपने डोजियर में हरविंदर सिंह रिंदा को ए प्लस स्तर का गैंगस्टर बताया. डोजियर के मुताबिक, हरविंदर सिंह रिंदा काफी खूंखार किस्म का गैंगस्टर था और इसीलिए उसे ए प्लस कैटेगरी में रखा गया.
जान लें कि रिंदा पर लगभग 27 आपराधिक मामले दर्ज थे. रिंदा पर भारत से फरार होने के पहले तक पंजाब और महाराष्ट्र में कुल 27 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिसमें हत्या, किडनैपिंग, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं. डोजियर में हरविंदर सिंह रिंदा के 27 एसोसिएट का भी उनकी फोटो के साथ जिक्र किया गया है, जो पंजाब और महाराष्ट्र में आपराधिक वारदात को अंजाम देते रहे. इसमें पंजाब के नामी गैंगस्टर भी शामिल थे.
पंजाब के छात्रों की राजनीति में रिंदा की दखलंदाजी पूरी रही थी और एजेंसियों के लिए भी यह चिंता बनी हुई थी. 28 अप्रैल 2016 को पंजाब यूनिवर्सिटी में जारी फैशन शो के दौरान सोई और सोपू समर्थकों में मारपीट हुई थी. गैंगस्टर हरिवंदर सिंह रिंदा ने साथियों के साथ मिलकर सोपू पार्टी को सपोर्ट करते हुए सोई लीडर गोदरा को गोली मारकर घायल किया था. सेक्टर-11 थाना पुलिस ने रिंदा समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था लेकिन जब रिंदा इस मामले में भगोड़ा करार हो गया तो उसे भगोड़ा करार कर उसपर 50 हजार रुपये इनाम रखा गया था. एजेंसियों के एक उच्च अधिकारी और हमारे सूत्र के मुताबिक रिंदा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कम से कम 1500 युवाओं से जुड़ा हुआ था और उसने पाकिस्तान पहुंचने के बाद भी अपने नेटवर्क को कमजोर नहीं होने दिया, बल्कि और मजबूत किया.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के नांदेड़ इलाके में रहने वाले हरविंदर सिंह रिंदा की पाकिस्तान में मौत की खबर के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के साथ-साथ पंजाब पुलिस ने राहत की सांस ली है. इस्लामाबाद में आईएसआई की गोद में बैठे रिंदा ने पंजाब के नौजवानों और गैंगस्टरों को आतंकवाद की राह पर चलना शुरू कर दिया था, जिससे पंजाब में लगातार हथियार से लेकर ड्रग आने लगी थी. सिद्धू मूसेवाला से लेकर मोहाली खुफिया एजेंसी के कार्यालय पर हमला और डेरा प्रेमी प्रदीप हत्याकांड, तार हरविंदर सिंह रिंदा से जुड़े रहे हैं. पंजाब के तरनतारन के रहने वाला हरविंदर सिंह रिंदा के पिता चरण सिंह संधू पेशे से ट्रक ड्राइवर थे.
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, वह 1976 ट्रक चलाने का काम करते थे और अपने बड़े लड़के सत्ता के साथ नांदेड़ आ गए. हरविंदर और उसका भाई सरबजोत सिंह का जन्म नांदेड़ में हुआ था. परिवार पहले नांदेड़ के शहिदपुरा इलाके में स्थित गुरुद्वारा के गेट नंबर-6 के पास किराए के घर पर रहता था लेकिन साल 2008 में उस घर की जमीन गुरुद्वारा के विस्तार की वजह से चली गई. इसके बाद वो दूसरे किराए के घर पर चले गए और बाद में उसी घर को खरीद लिया जहां आज भी उनका परिवार रहता है. रिंदा ने अपनी पढ़ाई नांदेड़ के यूनिवर्सल इंग्लिश मीडियम स्कूल से की और रिंदा 2008 में पंजाब के तरनतारन आ गया था जहां पर उसके चचेरे भाई के खेत को लेकर वहां के लोगों के साथ विवाद चल रहा था.
पुलिस में प्रोफाइल के मुताबिक, एक दिन रिंदा और उसका चचेरा भाई कहीं जा रहे थे तभी उनका झगड़ा खेत के विवाद को लेकर जिस शख्स से था उससे हो गया और उस झगड़े में उस शख्स की मौत हो गई. यहीं से रिंदा के अपराधिक जीवन की शुरुआत हो गई थी. पुलिस द्वारा रिंदा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और दिसंबर 2015 में रिंदा पैरोल पर जेल से बाहर आया था. अपने क्लासमेट आकाश गाड़ीवाले के साथ रहने लगा था. नांदेड़ में रिंदा का रोशनसिंह माली नाम के शख्स के साथ झगड़ा हुआ था और फिर माली ने रिंदा को मारने की सुपारी गुरमीत सिंह नामक शख्स को दी. इस विवाद को सुलझाने की बहुत कोशिश की पर उसी साल फायरिंग में रिंदा के भाई सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई थी जिसका बदला लेने के लिए रिंदा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर गुरमीत सिंह के भाई दिलबाग सिंह राजा सिंह का किडनैप किया और उसे पंजाब ले जाकर 23 फरवरी 2016 को मार दिया था.
फिर बटाला पुलिस ने रिंदा के खिलाफ 302 के तहत मामला दर्ज किया था. 19 अगस्त 2016 में रिंदा ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर उसको मारने की सुपारी निकालने वाले रोशन सिंह माली के भाई बचित्तर माली की भी हत्या कर दी. इस मामले में उसके खिलाफ नांदेड़ के विमानतल पुलिस स्टेशन में हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज हुआ. जिस शख्स ने रिंदा के भाई सुरेंद्र सिंह को घर से बाहर बुलाया था उस शख्स का नाम अवतार सिंह था. 21 अगस्त 2016 को अपने एक साथी की मदद से रिंदा ने अवतार सिंह की हत्या कर दी थी और उस मामले में वजीराबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
जब रिंदा का क्राइम रिकार्ड पुलिस ने तैयार किया तो उसमें रिंदा पर 2014 में पटियाला सेंट्रल जेल के अधिकारियों पर हमला, अप्रैल 2016 में चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पर गोलियां और अप्रैल 2017 में रिंदा पर होशियारपुर सरपंच की हत्या का भी आरोप लगा था. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रिंदा पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में पढ़ने भी आया था. इस दौरान छात्र राजनीति में काफी सक्रिय हुआ और उसका एक मजबूत आधार स्टूडेंट्स के बीच बन गया था. चंडीगढ़ में चंडीगढ़ पुलिस के एसएचओ को जान से मारने की धमकी व स्टूडेंट यूनियन एसओआई पार्टी के अध्यक्ष पर फायरिंग की घटना के बाद रिंदा फरार रहने लगा था. चंडीगढ़ में मर्डर, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के मामलों में हरविंदर सिंह के साथ दिलप्रीत सिंह बाबा और हरजिंदर सिंह भी शामिल रहे हालांकि अप्रैल 2018 में मोहाली में प्रसिद्ध सिंगर परमीश वर्मा पर हुए हमले के बाद दिलप्रीत बाबा और रिंदा के रास्ते अलग हो गए. पंजाब पुलिस ने रिंदा को 2017 में पकड़ने की कोशिश की थी, वह बेंगलुरु के होटल में था लेकिन फरार हो गया था.
आपको बता दें कि रिंदा को कई राज्यों की पुलिस खोज रही थी और उसने नकली पासपोर्ट तैयार करवाकर नेपाल का रास्ता अपनाते हुए पाकिस्तान में एंट्री कर ली. रिंदा कब पाकिस्तान पहुंच गया, किसी को खबर तक नहीं लगी. लेकिन केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक रिंदा ने 2020 में पाकिस्तान में एंट्री की थी. पाकिस्तान पहुंचने से पहले रिंदा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में रिंदा एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर चुका था. एक दिन रिंदा का नाम अचानक चार साल बाद फिर नजर आया, जब जगजीत सिंह नामक व्यक्ति को जून 2021 में 48 पिस्टल, 200 कारतूस के साथ पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पिछले साल 7 नवंबर को नवांशहर में क्राइम इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी बिल्डिंग में हैंड-ग्रेनेड से हमला हुआ था. इसका आरोप भी रिंदा पर लगा था. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को जानकारी दी थी कि उन्हें 2-3 लाख रुपये देकर आतंकी साजिश को अंजाम देने और हथियारों की सप्लाई के कसम सौंपे जाते थे.
हरियाणा के करनाल में 5 मई को इन संदिग्धों के पास से 7.5 किलोग्राम आरडीएक्स बरामद हुआ था, चार आतंकी गिरफ्तार हुए और खुलासा हुआ कि ड्रोन से हथियार व आरडीएक्स रिंदा ने भेजे थे. एजेंसियों ने छानबीन की तो पता चला कि रिंदा पाकिस्तान में बब्बर खालसा की कमांड संभालकर आईएसआई का चहेता बन गया है. जब मोहाली में इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर हमला हो गया था तब उस बात का खुलासा हुआ कि रॉकेट लॉन्चर रिंदा ने भेजा था. इसके साथ ही लुधियाना में बीते साल हुए अदालत परिसर में ब्लास्ट की छानबीन में रिंदा ही मुख्य सरगना के तौर पर सामने आया था. आला अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में पिछले एक साल में जितनी भी खेप हथियारों की बरामद हुईं या आतंकवादी घटनाएं हुई हैं या थीं, उसमें अप्रत्यक्ष रूप से रिंदा का ही हाथ था. जो पाकिस्तान में बैठकर ड्रोन के जरिए हथियारों को पंजाब पहुंचा रहा था और ऐसे मामलों की संख्या 40 के करीब है.
गौरतलब है कि जब विश्व प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई, जिसमें इस्तेमाल हथियार भी पाकिस्तान से रिंदा ने भेजे थे. इसलिए एक अनवेरीफाइड एक पोस्ट में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हरविंदर रिंदा की पाकिस्तान में मौत पर पंजाब के बंबीहा गैंग ने दावा किया कि हमने रिंदा को मारा है जिससे हमने के मूसेवाला के कत्ल का बदला लिया है. इस बंबीहा गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि रिंदा को उन्होंने ही पाकिस्तान में सैट मतलब एडजस्ट करावाया था. इसके बाद वह विरोधी गैंग से मिल गया. उसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में भी गैंगस्टर लॉरेंस और गोल्डी बराड़ का साथ दिया था. हालांकि इस बात की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय सूत्रों ने भी नही की.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि रिंदा को किडनी की बीमारी थी. लाहौर के जिंदल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. यहां से उसे मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, रिंदा को अस्पताल में एक इंजेक्शन दिया गया था, जिसके थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई थी. वह अस्पतालों में लगभग 15 दिन भर्ती रहा था और अस्पताल से ही अपना आतंक फैलाने का काम देख रहा था. रिंदा खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) की मेन कड़ी था और कहा जाता है कि भारत में BKI का मेन हैंडलर भी रिंदा ही बन गया था. पंजाब में टारगेट किलिंग और आतंक फैलाने के पीछे भी रिंदा ही था.
आपको बता दें कि रिंदा को पंजाब पुलिस ने मोस्ट वॉन्टेड की कैटेगरी में रखा था. रिंदा पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. पंजाब पुलिस को कई केसों में रिंदा की तलाश थी. पुलिस के मुताबिक, हरविंदर रिंदा एक हिस्ट्रीशीटर था. वह पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में कुख्यात गैंगस्टर रहा था. मर्डर, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, डकैती, फिरौती और स्नेचिंग के कई मामलों में वह पंजाब पुलिस का वॉन्टेड था. भारत से 5 साल पहले नेपाल के रास्ते पाकिस्तान भागे आतंकी हरविंदर रिंदा ने ही बॉर्डर पार से इंडिया में नार्को टेरेरिज्म की शुरुआत की. इसमें उसका साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने दिया. रिंदा का जन्म पंजाब के सरहदी जिले तरनतारन में ही हुआ था इसलिए उसे इस पूरे इलाके की अच्छी जानकारी थी.
क्राइम की दुनिया से जुड़े रहे रिंदा ने बॉर्डर से लगते एरिया में अलग-अलग मॉड्यूल खड़े किए और उनके जरिए सरहद पार से ड्रोन के जरिए हथियारों और ड्रग की सप्लाई शुरू की. पाकिस्तान भागने से पहले रिंदा पंजाब में ड्रग स्मगलिंग का ही नेटवर्क चलाता था. इस नाते यहां मौजूद ज्यादातर स्मगलर और गैंगस्टर उसके संपर्क में थे. पाकिस्तान पहुंचने के बाद रिंदा ने अपने इन सभी पुराने संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए नार्को टेरेरिज्म की शुरुआत की.