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हरियाणा की बेटी ने Google पर सीखा घुड़सवारी करना, अब विश्व में बनाया 84वां स्थान

पढ़ाई के दौरान गूगल पर घुड़सवारी के बारे में सर्च करते-करते प्रगति तायल को ऐसा जुनून पैदा हुआ कि उन्होंने घुड़सवारी को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। वे घुड़सवारी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर ओलंपिक खेलों में पदक जीतना चाहती है। प्रगति तायल कि अभी विश्व स्तरीय 84 रैंकिंग है। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी 10वीं रैंकिंग है।
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Pragati Tayal:पढ़ाई के दौरान गूगल पर घुड़सवारी के बारे में सर्च करते-करते प्रगति तायल को ऐसा जुनून पैदा हुआ कि उन्होंने घुड़सवारी को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। वे घुड़सवारी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर ओलंपिक खेलों में पदक जीतना चाहती है। प्रगति तायल कि अभी विश्व स्तरीय 84 रैंकिंग है। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी 10वीं रैंकिंग है।

प्रगति का विश्व रैंकिंग में 84वां स्थान है:

प्रगति तायल में दिल्ली में हुई घुड़सवारी प्रतियोगिता में रजत पदक जीता है। अब वे मेरठ में होने वाली अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता की तैयारियों में जुटी है। प्रगति यूएसए की राइडर जेसिका स्प्रिंगस्टीन की बड़ी फैन है। फिलहाल वह घुड़सवारी प्रशिक्षक तेजस धींगड़ा से घुड़सवारी के गुर सीख रही है। प्रगति का विश्व रैंकिंग में 84वां स्थान है। प्रगति ने वर्ष 2015 से 2021 तक एक कंपनी में नौकरी भी की। जीवन में कुछ बड़ा करने की सोच से उसने नौकरी को छोड़ कर घुड़सवारी पर पूरा फोकस किया। उनके बिजनेसमैन पिता सतीश तायल एवं गृहिणी मां ललिता तायल ने सदा उसे अपने सपने पूरे करने के लिए सहयोग किया है। उनका कहना है कि क्रिकेट की तरह ही घुड़सवारी पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

प्रैक्टिस के लिए जर्मनी से मंगाया 40 लाख का घोडा :

भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। महंगा खेल होने के कारण इसमें सभी हिम्मत नहीं कर पाते। प्रगति का कहना है कि यह ऐसा खेल है, जिसमें महिला-पुरुष समान भाग लेते हैं। किसी को भी कोई छूट नहीं। बराबर के नियम-कायदे हैं। प्रशिक्षण के लिए उसने जर्मनी से 40 लाख रुपये का घोड़ा भी मंगवाया है। प्रगति ने दिल्ली के छतरपुर स्थित टार्क अकादमी में प्रतियोगिता में रजत पदक जीता है इससे पहले दिल्ली कैंट में आर्मी पोलो एंड राइडिंग क्लब में स्वर्ण पदक जीता था। अपने जीवन का पहला हॉर्स राइडिंग शो प्रगति ने सेक्टर-62 के जनक राइडिंग स्कूल में किया था। उसमें उसे बेस्ट राइडर चुना गया। आत्मविश्वास इतना बढ़ा कि प्रगति ने इस क्षेत्र में प्रोफेशनल तरीके से काम करना शुरू किया। इस खेल में उम्र की भी कोई सीमा नहीं है।

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