nigamratejob-logo

जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने किया धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन, जानें विरोधियों को क्या कहकर हड़काया

 | 
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन और विरोध का सिलसिला जारी है। कोई गुस्सा दिखा रहा है तो कोई प्यार कर रहा है। इसी क्रम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु और तुलसी पीठाधीश्वर श्रीराम भद्राचार्य ने बागेश्वर धाम का समर्थन किया है। श्रीराम भद्राचार्य ने कहा कि धीरेंद्र पर सवाल उठाने वाले लोग हिंदू तो हैं, लेकिन जयचंद हैं। गुरु ने अपने शिष्य को सुरक्षा देने की मांग की है। भोपाल में श्रीराम भद्राचार्य ने कहा कि लोग धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे हैं। वह अपने गुरुजनों और पूर्वजों के आशीर्वाद का प्रसाद बांट रहे हैं। धीरेंद्र जो कर रहे हैं, वो चमत्कार नहीं नमस्कार है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल करने वाले हिंदू, लेकिन जयचंद्र हैं। उन्हें धमकी मिल रही हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।

भोजपाल हो भोपाल का नाम

भोपाल का नाम बदलने की बात पर श्रीराम भद्राचार्य बोले कि भोपाल का नाम फिर से भोजपाल होना चाहिए। जब होशंगाबाद का नर्मदापुरम किया जा सकता है, तो भोपाल को भोजपाल क्यों नहीं किया जा सकता? भोजपाल का नाम भोपाल मुसलमानों और आक्रांताओं ने किया है। इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पुलवामा और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने पर भद्राचार्य ने कहा कि वो कौन होते हैं सबूत मांगने वाले? हम सबूत दे चुके हैं। सेना सबूत दे चुकी है। सेना पर इस तरह के सवाल करना गद्दारी है। आपको बता दें कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समित ने बागेश्वर धाम सरकार के नाम से प्रख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ पोल खोल सभा का आयोजन किया था। इस दौरान बागेश्वर महाराज के समर्थकों ने भारी हंगामा किया था। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह सनातन के खिलाफ आवाज उठाने वालों की ठठरी वारने (जलाने) की बात कहते हुए नजर आए थे।

क्या है विवाद

अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव का भाषण समाप्त होने के बाद बागेश्वर धाम महाराज के कुछ समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की था। इस दौरान काफी हंगामा खड़ा हो गया था। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को तितर-बितर किया था। हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में एक कथा का आयोजन हुआ था। दावा है कि अंधश्रद्धा उन्मूलन समित की वजह से यह कथा दो दिन पहले ही यानी 11 जनवरी को संपन्न हो गई, जबकि इसकी अंतिम तिथि 13 जनवरी थी। अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फ़ैलाने का आरोप लगाया था। श्याम मानव ने कहा था कि दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है। देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है।

सरकारी योजनाएं

सक्सेस स्टोरी