nigamratejob-logo

POD Car System In Chandigarh: चंडीगढ़ ओल्ड एयरपोर्ट टर्मिनल से न्यू एयरपोर्ट तक शुरू होगी पॉड टैक्सी, इन शहराें काे फायदा

हरियाणा मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन(Haryana Metro Rail Transport Corporation) को अगले तीन महीनों में पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल से नए एयरपोर्ट टर्मिनल तक पॉड कनेक्टिविटी की डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है. केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ प्रशासन इस प्रस्ताव पर सहमत हो गया है.
 | 
5

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की पहल पर अब चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली (ट्राईसिटी) को इंटरनेशनल लेवल पर नई पहचान मिलने जा रही है. दरअसल अब चंडीगढ़ के ओल्ड एयरपोर्ट टर्मिनल को न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने की कवायद के अंतर्गत पॉड कार सिस्टम को शुरू किया (POD Car System Chandigarh) जाएगा. इसके शुरू हो जाने से यात्रियों इंटरनेशल स्तर की सुविधाएं मिल सकेंगी. इसके अलावा यात्रियों के समय की बचत भी होगी.

परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए हरियाणा की कंपनी हरियाणा मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HMRTC) अगले तीन महीनों में पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल से नए एयरपोर्ट टर्मिनल तक पॉड कनेक्टिविटी की डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है. केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ प्रशासन इस प्रस्ताव पर सहमत हो गया है. हरियाणा इसके कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ेगा. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गत दिनों हुई एक बैठक के तहत बताया गया था कि यू.टी. प्रशासन पहले से ही चंडीगढ़ से न्यू एयरपोर्ट टर्मिनल तक सड़क संपर्क प्रदान करने की प्रक्रिया में है.

चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि एचएमआरटीसी से अगले तीन महीनों में चंडीगढ़ ओल्ड एयरपोर्ट टर्मिनल से नए एयरपोर्ट टर्मिनल तक पॉड कनेक्टिविटी () का डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है. इसके बाद यू.टी. प्रशासन, भारतीय वायु सेना और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CHIAL) को सौंपा जाएगा. कौशल ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से सुझाव दिया गया है कि भूमि अधिग्रहण और अनधिकृत संरचनाओं (स्ट्रक्चर) को हटाने के कारण विचाराधीन सड़क संपर्क के विकल्प बहुत महंगे और समय लेने वाले हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि एचएमआरटीसी (HMRTC) ने पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल को नए एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने के लिए पॉड कार सिस्टम का प्रस्ताव दिया है जो कि लागत प्रभावी, सुविधाजनक है और जिसमें चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Chandigarh International Airport) की सीमा के साथ केवल 6 एकड़ भूमि की आवश्यकता है. मुख्य सचिव ने बताया कि इस बैठक में इस विषय पर एक प्रजेंटेशन दी गई है. एचएमआरटीसी द्वारा पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए एयरपोर्ट टर्मिनल के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक प्रारंभिक अध्ययन किया गया है, जिसमें शामिल कुल भूमि लगभग 6 एकड़ ही है, जोकि एयर फोर्स के पास ही रहेगी.

 


शुरूआत में मिलेगी 77 पॉड की सेवा- चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने बताया कि इस योजना के तहत यात्रियों के साथ-साथ माल के परिवहन के लिए शुरू में 77 पॉड्स को सेवा में रखने की योजना है. उन्होंने बताया कि इस परिवहन व्यवस्था के तहत पॉड्स को बीच में जबरदस्ती नहीं रोका जा सकता है. इस प्रकार यह किसी भी सुरक्षा चिंता का समाधान भी करता है. उन्होंने बताया कि इस पॉड कार परिवहन व्यवस्था में समय यात्रा केवल 8 से 10 मिनट की होगी. मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यू.टी. प्रशासन न्यू चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सड़क संपर्क प्रदान करने के अपने प्रस्ताव को जारी रख सकता है.

231 करोड़ का आएगा खर्च- उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी हैं. इसे पंजाब और हरियाणा सरकार के सहयोग से गठित की गई है. यह कंपनी यूटी चंडीगढ़ और पंजाब के मोहाली व हरियाणा के पंचकूला शहरों में सेवाएं देगी. चंडीगढ़ स्थित एयरपोर्ट 6 घरेलू उड़ानों व 18 घरेलू गंतव्यों से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा इस एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को भी जोडा जा चुका है. बताया जा रहा है कि 77 पॉड कार को संचालित करने के लिए लगभग 231 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पॉड कार में 6 लोगों के बैठने का स्थान होगा. इसके साथ ही इसमें सामान भी रखा जा सकेगा. जबकि आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव भी किया जा सकता हैं.

पॉड कार के चालू होने से समय व दूरी की होगी बचत- गौरतलब है कि चंडीगढ़ से पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल के बीच 8-12 किलोमीटर की दूरी है जबकि नया एयरपोर्ट टर्मिनल 15-18 किलोमीटर की दूरी पर है. इसी प्रकार पंचकूला से पुराना एयरपोर्ट टर्मिनल 8-10 किलोमीटर की दूरी पर है. जबकि नया एयरपोर्ट टर्मिनल 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है. इंटरनेशनल टर्मिनल से वर्तमान कनेक्टिविटी ऐसी है कि हिमाचल प्रदेश और पंचकूला की ओर से इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल तक पहुंचने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी होगी. इन यात्रियों को एक ऐसे चेक प्वाइंट को पार करना होता है जहां कई बार 30-45 मिनट बर्बाद करने पड़ते हैं.

लगेगा यात्रियों को पुराने टर्मिनल तक पहुंचने में आसान और कम समय लगता है. इस प्रकार पीआरटी द्वारा पुराने टर्मिनल को अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल से जोड़ने का प्रस्ताव है. घरेलू टर्मिनल से अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल तक पहुंचने में यात्रियों को पीआरटी द्वारा 8-10 मिनट का समय लगेगा. पीआरटी सिस्टम के बेहतर और कुशल उपयोग के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग और कार्गाे टर्मिनल को भी कनेक्टिविटी दी जा सकती है. कार्गाे ले जाने के लिए कुछ कार्गाे पीओडी को तैनात किया जा सकता है. पीआरटी एक सुरक्षित पारगमन होगा क्योंकि यह दो टर्मिनलों के बीच बिना रुके गति करेगा. इसे बीच-बीच में रोकने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है इसलिए यह किसी भी सुरक्षा चिंताओं को दूर करता है.

सरकारी योजनाएं

सक्सेस स्टोरी