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लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा को राहत, सुप्रीम ने दी 8 हफ्ते की सशर्त जमानत

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लखीमपुर खीरी कांड

बहुचर्चित लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आशीष मिश्रा को सशर्त 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को आशीष मिश्रा की जमानत की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जमानत के दौरान आशीष मिश्रा को माननी होंगे ये शर्तें

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने बुधवार को आशीष मिश्रा को शर्तों के साथ जमानत दी। पीठ ने निर्देश दिया कि आशीष मिश्रा अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान न तो उत्तर प्रदेश में रह सकेंगे और ना ही उन्हें दिल्ली में रहने की इजाजत है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यह एक गंभीर और जघन्य अपराध है और जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद कर दी थी जमानत याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने पिछले साल 26 जुलाई को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बाद में उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी को सुनवाई के दौरान कहा था कि एक आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए कारावास में नहीं रखा जाना चाहिए, जब तक कि अपराध साबित ना हुआ हो। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए आशीष की जमानत याचिक मंजूर कर ली और अंतरिम जमानत दे दी।

आशीष मिश्रा पर ये हैं आरोप

3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत के बाद हिंसा भड़क गई थी। ये घटना तब तक हुई जब लोग उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक जीप ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। इस घटना के बाद ड्राइवर और दो भाजपा नेताओं को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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