Delhi Vadodara Expressway: दिल्ली से वडोदरा का सफर अब आधा, ट्रेन से भी कम लगेगा समय, जानें इस Expressway की खास बातें
Delhi Vadodara Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने चुनावी राज्य मध्यप्रदेश का दौरा किया। पीएम मोदी ने दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे भी राष्ट्र को समर्पित किया।
इस एक्सप्रेसवे के खुल जाने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वडोदरा की दूसरी महज 10 घंटे की हो जाएगी। यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है।
11,895 करोड़ रुपये की लागत
इस एक्सप्रेसवे को लगभग 11,895 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। केंद्र सरकार ने इसे देशभर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की एक और पहल बताई है।
बता दें कि यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड है। इससे पहले 11 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित किया था।
इसके खुलने से क्या होगा?
यह एक्सप्रेसवे राजधानी दिल्ली से शुरू होकर सोहना, दौसा, लालसोट सवाई माधोपुर, कोटा, रतलाम दाहोद और गोधरा से गुजरते हुए वडोदरा को कवर करेगा।
इसके साथ ही यह जयपुर, चित्तौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। दिल्ली-वडोदरा खंड मध्यप्रदेश में कुल 244 किमी की दूरी को कवर करेगा।
समय घटकर सिर्फ 10 घंटे रह जाएगा...
नया एक्सप्रेसवे मुसाफिरों के यात्रा के समय को लगभग आधा कर देगा। इससे पहले अलग-अलग मार्ग से दोनों शहरों के बीच सफर करने में लगभग 18-20 घंटे लगते थे। अब दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली और वडोदरा के बीच सड़क यात्रा का समय घटकर सिर्फ 10 घंटे रह जाएगा।
10 घंटे का समय इस मार्ग पर सबसे तेज ट्रेन तेजस से भी कम है। दिल्ली और वडोदरा के बीच सबसे तेज ट्रेन मुंबई सेंट्रल तेजस राजधानी 10 घंटे और 45 मिनट का समय लेती है।
वहीं अन्य ट्रेनों की बात करें तो वो 12 से 15 घंटे के बीच समय लेती हैं। वहीं पहले सड़क मार्ग से दोनों शहरों के बीच की दूरी 1,000 किमी से अधिक थी। हालांकि, नए एक्सप्रेसवे के साथ यह दूरी घटकर महज 845 किमी रह जाएगी।
क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे?
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जिस दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे करेंगे वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड है। दरअसल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया,
जो फरवरी 2023 से चालू है। इस खंड के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे हो गया। पूरी परियोजना की बात करें तो 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 98,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की क्या खासियत है?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और मुंबई के बीच संपर्क को बढ़ाएगा। एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गति शक्ति टर्मिनल, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी जोड़ेगा।
इसके अलावा, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के छह राज्यों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार करेगाI