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Gurugram News: दिल्ली से गुजरात के बीच बनाई जाएगी हरियाली की दीवार, अरावली हरित दीवार परियोजना 25 मार्च से होगी शुरू

दिल्ली से गुजरात तक अरावली के दोनों किनारों पर हरियाली की दीवार बनाई जाएगी।
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दिल्ली से गुजरात तक अरावली के दोनों किनारों पर हरियाली की दीवार बनाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट (ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया) तैयार किया है। इसे 25 मार्च को लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव परियोजना का शुभारंभ करेंगे। लॉन्चिंग सेरेमनी गुरुग्राम में ही होगी।

इसकी तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री ने स्वयं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) विनीत गर्ग, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और महेंद्रगढ़ के जिला उपायुक्तों के साथ गुरुग्राम में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बैठक की।  शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी शामिल हुए।


प्रोजेक्ट के मुताबिक दिल्ली से गुजरात तक हरियाली की दीवार बनाई जाएगी। इसकी लंबाई 1400 किमी होगी। अरावली पहाड़ी के दोनों ओर पांच किलोमीटर तक पौधे रोपे जाएंगे। माना जाता है कि हरियाली की इतनी लंबी दीवार दुनिया में कहीं नहीं है। इस दीवार के बनने से राजस्थान से चलने वाली धूल भरी हवाएं दिल्ली-एनसीआर में नहीं पहुंचेंगी।

इस परियोजना को वर्ष 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस परियोजना से प्रदूषण स्तर में काफी कमी आएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस परियोजना को एक मिशन के रूप में लें। बता दें कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान से लेकर गुजरात तक फैला हुआ है। अरावली पर्वतीय क्षेत्र में हरियाली कम होने के कारण मरुस्थल का दायरा बढ़ने की सम्भावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

राव इंद्रजीत ने अरावली के बारे में चिंता व्यक्त की

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अरावली को भू-माफियाओं से बचाने की जरूरत है। पीएलपीए अधिनियम को दरकिनार करने की कोशिश न करें। इससे भूमाफियाओं को फायदा होगा। अरावली में नेताओं और अधिकारियों ने अपने फार्म हाउस बना लिए हैं। अब पीएलपीए में हेरफेर कर इन्हें बचाने की कवायद की जा सकती है।

अरावली को हरा-भरा बनाने के लिए विदेशी सहायता से वृक्षारोपण किया गया। लेकिन उसके बाद अरावली को हरा-भरा बनाने पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। पौधरोपण के बाद वन विभाग ने इसके रख-रखाव के लिए करीब तीन साल का कार्यकाल तय किया है, इसे बढ़ाने की जरूरत है। कार्यकाल 5 वर्ष से अधिक किया जाए। इस पर सहमति जताते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा में पौधरोपण के बाद रख-रखाव का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस काम को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

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