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Haryana: हरियाणा में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से अब तक 7.30 लाख एकड़ फसल खराब होने का दावा किया गया है।

 हरियाणा के पांच हजार गांवों के 1.30 लाख किसानों ने ये दावा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किया है। 
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हरियाणा में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से अब तक 7.30 लाख एकड़ फसल खराब होने का दावा किया गया है। 

Haryana: हरियाणा के पांच हजार गांवों के 1.30 लाख किसानों ने ये दावा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किया है। 

आज फसल में नुकसान होने का दावा करने की आखिरी तारीख है। 

हालांकि, सरकार कह चुकी है कि इस पोर्टल को दोबारा से भी खोला जाएगा। 

फसल खराब होने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। 

ये स्थिति तब है कि जब पोर्टल में बार-बार तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। 

अब भी काफी संख्या में ऐसे किसान हैं, जो फसल खराब होने की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पाए हैं। 

गेहूं खरीद को लेकर किए जा रहे हरियाणा सरकार के तमाम दावों को बारिश ने धोकर रख दिया है। दो दिन के बाद भी प्रदेश की मंडियों में गेहूं की सुचारू खरीद नहीं हो पाई है। 

इसका सबसे बड़ा कारण तो बारिश ही है लेकिन इसके अलावा मंडियों में बारदाना नहीं पहुंचना भी खरीद में बाधा बना हुआ है। 

हरियाणा सरकार ने तीन लाख बेल्स (15 करोड़ कट्टे) बारदाने की खरीद तो कर ली है लेकिन अभी तक यह बारदाना एजेसियां मंडियों में नहीं पहुंचा पाई हैं। 

इसके चलते खरीद शुरू नहीं हो पाई है, क्योंकि जब तक बारदाना नहीं होगा तो गेहूं को रखा कहां पर जाएगा। 

बता दें कि अंबाला, पानीपत, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, हिसार, भिवानी, सिरसा, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़-नारनौल और रेवाड़ी में खरीद एजेंसियों के पास बारदाना पहुंच चुका है। जबकि जींद और करनाल में अभी तक नहीं पहुंचा है।

हरियाणा सरकार का दावा है कि मंडियों से 24 घंटों में उठान किया जाएगा और जे फार्म कटने के 72 घंटों के बाद किसानों को सीधे खाते में भुगतान किया जाएगा। 

इस बार एमएमएस सिस्टम लागू नहीं रहेगा। जिस भी किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण है, वह मंडी में फसल लेकर आ सकता है। 

इससे पहले कमेटी किसान को फसल लाने का मैसेज भेजती थी, इसका किसानों ने विरोध किया था।

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