Samudra Shastra: इन अंगों का फड़कना माना जाता है शुभ, जानिए क्या कहता है समुद्र शास्त्र
Samudra Shastra: कभी-कभी अचानक ही शरीर के अंग जैसे आंख, या हाथ की उंगलियों का फड़कना लगता है। और हम इसका अर्थ नहीं समझ पाते। समुद्र शास्त्र में बताया गया है कि शरीर के विभिन्न अंगों के फड़कने का एक विशेष अर्थ होता है।
सामुद्रिक शास्त्र में यह माना जाता है कि शरीर के अंगों की संरचना व्यक्तित्व के बारे में बताने में सक्षम है। आइए जानते हैं कि समुद्र शास्त्र के अनुसार, शरीर के विभिन्न अंगों के फड़कने का क्या अर्थ होता है।
किस आंख का फड़कना है शुभ
आंख का फड़कना एक बहुत ही आम बात है। समुद्र शास्त्र के अनुसार, महिला और पुरुष में इसका अलग-अलग अर्थ होता है। पुरुषों के लिए दाहिनी आंख के फड़कने को शुभ संकेत माना जाता है। वहीं, महिलाओं के लिए बाईं आंख के फड़कने को शुभ शगुन के रूप में देखा जाता है।
क्या संकेत देता है उंगलियों का फड़कना
समुद्र शास्त्र में दाहिने हाथ की उंगलियों का फड़कना एक शुभ संकेत माना गया है। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आप किसी नए व्यक्ति से मिलने वाले हैं या फिर कुछ नया शुरु कर सकते हैं। इसी तरह बाएं हाथ की उंगलियों का फड़कना अक्सर अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। जो किसी संभावित नुकसान या विवाद की ओर संकेत करता है।
पैरों का फड़कना
कई लोगों के पैर भी फड़कने लगते हैं। समुद्र शास्त्र के अनुसार, दाहिने पैर का फड़कना यह संकेत देता है कि आप किसी यात्रा आदि पर जा सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर बाएं पैर का फड़कना शुभ नहीं माना जाता। यह आने वाले नुकसान या नकारात्मक घटना की ओर इशारा करता है।