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इस देश के लोग पैसे देकर सीख रहे है हंसना! जानिए ये हैरान कर देने वाली वजह

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इस देश के लोग पैसे देकर सीख रहे है हंसना! जानिए ये हैरान कर देने वाली वजह

Learning To Laugh: मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट्स लगातार यह कहते रहते हैं कि हंसना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है. जो लोग हंसते रहते हैं उनका व्यक्तित्व और उनकी दिनचर्या कुछ अलग ही होती है. लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां के लोग धीरे धीरे हंसना भूल गए हैं. हालत यह हो गई है कि अब वह हंसना सीख रहे हैं और इसके लिए वह बकायदा कोच भी रख रहे हैं. आप जब इसका कारण सुनेंगे तो और भी ज्यादा हैरान रह जाएंगे.

इस्माइल एजुकेशन जोर पकड़ रही


दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह देश और कोई नहीं बल्कि जापान है. जापान के लोग धीरे-धीरे हंसना ही भूल गए हैं. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में जापान में स्माइल कोचों की जब मांग बढ़ी तब इस बात का खुलासा हुआ कि आखिर क्यों इस्माइल एजुकेशन यहां जोर पकड़ रही है. हुआ यह कि पिछले तीन सालों में जापान के अधिकतर लोगों ने लगातार मास्क पहले रखा और सरकारी नियमों के मुताबिक वहां लंबे समय तक मास्क को पहन कर रखना जरूरी कर दिया गया था.

पैसा देकर हंसना सीख रहे
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लंबे समय तक मास्क पहने जाने के कारण वहां के लोग हंसना ही भूल गए हैं. कई लोगों की मुस्कान पहले जैसी नहीं रही और इसीलिए वह हंसना ही भूल गए हैं. इसका प्रभाव यह हुआ कि अब वे पैसा देकर हंसना सीख रहे हैं. जापान टाइम्स ने कुछ केस स्टडी को भी दुनिया के सामने रखा है. एक इस्माइल ट्रेनर ने बताया कि कुछ लोगों ने उनसे कहा कि वह अपना मास्क उतार भी दें तो भी चेहरे का निचला हिस्सा नहीं दिखाना चाहते हैं. 


काफी चौंकाने वाला घटनाक्रम
फिलहाल अब काफी लोग हंसने की ट्रेनिंग ले रहे हैं और जल्द ही वह इससे निजात पाएंगे. यह अपने आप में काफी चौंकाने वाला घटनाक्रम है, लेकिन यह सही है. बता दें कि कोविड के समय जापान के लोगों ने बहुत ही सख्ती से पॉलिसी का पालन किया और यही वजह है कि पश्चिमी देशों के मुकाबले कोरोनावायरस के मामले काफी काम रहे. 

हालांकि पिछले कुछ समय से मास्क के नियमों में ढील की गई और बताया गया कि अपने हिसाब से मास्क पहना जा सकता है. महामारी के समय तो जापान से कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थीं जब लोग वहां अकेलेपन का शिकार हो गए थे. तमाम लोगों ने इसका भी इलाज कराया था.

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