महिलाओं के लिए पैसा कमाने का ये तरीका है सबसे बेस्ट, ना FD की जरूरत ना निवेश की
म्यूचुअल फंड में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च, 2017 में 15 फीसदी से बढ़कर दिसंबर, 2023 में करीब 21 फीसदी हो गई है. उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. इस साल फरवरी में म्यूचुअल फंड में प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (एयूएम) 50 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई। बड़ी संख्या में निवेशक बचत और अपनी कमाई बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड की ओर रुख कर रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च, 2017 में 15 फीसदी से बढ़कर दिसंबर, 2023 में करीब 21 फीसदी हो गई है. इस दौरान शहरी केंद्रों की तुलना में दूरदराज के इलाकों में विकास की गति तेज रही.
आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च, 2017 में 15 फीसदी से बढ़कर दिसंबर, 2023 में करीब 21 फीसदी हो गई है. इस दौरान शहरी केंद्रों की तुलना में दूरदराज के इलाकों में विकास की गति तेज रही.
एएमएफआई के लिए क्रिसिल द्वारा तैयार और सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 50 प्रतिशत महिला निवेशक 25-44 आयु वर्ग में आती हैं, जबकि व्यक्तिगत निवेशकों के कुल समूह में यह आंकड़ा लगभग 45 प्रतिशत है। म्यूचुअल फंड उद्योग में महिलाओं की हिस्सेदारी गोवा में सबसे अधिक 40 प्रतिशत है। इसके बाद उत्तर-पूर्वी राज्य 30 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं। यहां तक कि चंडीगढ़, महाराष्ट्र और नई दिल्ली में भी प्रबंधनाधीन संपत्तियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक है।
अधिकांश महिला एमएफ निवेशक नियमित योजनाओं के माध्यम से निवेश करना जारी रखते हैं और जब वे म्यूचुअल फंड वितरकों के माध्यम से निवेश करते हैं तो लंबे समय तक निवेशित रहते हैं। महिला म्यूचुअल फंड वितरकों की संख्या भी बढ़ी है. दिसंबर 2023 तक यह संख्या 42,000 अंक के करीब थी और प्रबंधन के तहत उनकी कुल संपत्ति 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी।