Umesh Pal Murder Case: ‘गवाही के दिन ही मारा जाएगा उमेश’, हत्या से पहले की ‘अंतिम...
बरेली जेल में बंद अशरफ ने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अंतिम बैठक 11 फरवरी को की थी. इसी बैठक में वारदात की तारीख और स्थान तय किया गया था.
Umesh Pal Murder Case:उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि इस वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग तो काफी पहले से चल रही थी. वहीं इस प्लानिंग पर अमल के लिए बरेली जेल में 11 फरवरी को अंतिम बैठक हुई थी.
यह बैठक माफिया डॉन अतीक अहमद के भाई खालिद उर्फ अशरफ ने अपने आठ गुर्गों के साथ की थी. इसमें गुड्डू मुस्लिम, असद और उस्मान चौधरी के अलावा अन्य बदमाश शामिल थे.
यह खुलासा पुलिस की जांच में सामने आए नए तथ्यों से हुआ है. इन तथ्यों के सामने आने के बाद प्रयागराज पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने मामले की जांच को बरेली जेल पर केंद्रित कर दिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग पिछले साल से ही चल रही थी.
हालांकि इसमें तय नहीं हो पा रहा था कि उसकी हत्या कब और कहां करनी है. इसी के साथ अतीक के गुर्गे उमेश पाल पर लगातार दबाव भी बना रहे थे कि वह राजूपाल हत्याकांड में गवाही ना करे.
लेकिन वह अतीक के गुर्गों को हाथ भी नहीं रखने दे रहा था. ऐसे में बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ ने वहीं पर 11 फरवरी को अपने गुर्गों के साथ मीटिंग की और तय किया गया कि इस वारदात को मुकदमे की गवाही के दिन यानी 24 फरवरी को अंजाम दिया जाएगा
इससे पहले देखा जाएगा कि उमेश पाल अपनी गवाही से पीछे हटता है कि नहीं. यदि वह पीछे ना हटे तो कोर्ट से निकलते ही उड़ा देना है. अशरफ ने तय किया था कि इस ऑपरेशन को अतीक का बेटा असद लीड करेगा.
जबकि गुड्डू मुस्लिम और उस्मान चौधरी समेत अन्य शूटर वारदात में शामिल रहेंगे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी बैठक में वारदात में शाइस्ता की भूमिका भी तय हुई थी.
इसमें उसकी भूमिका शूटरों को नगदी, हथियार के अलावा अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही पुलिस और सरकार की हरकतों पर नजर रखने की थी.