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क्या है कार से निकलने वाले सफेद और काले धुंए का अंतर, दोनों से खतरा, हो सकता है लाखों का नुकसान

क्या आप कार चलाते हो। अगर हां तो क्या आपने ये नोट किया है की आपकी कार काला धुआँ दे रही है या  सफेद। अगर नहीं देखा तो जांच लें।
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Car News: क्या आप कार चलाते हो। अगर हां तो क्या आपने ये नोट किया है की आपकी कार काला धुआँ दे रही है या  सफेद। अगर नहीं देखा तो जांच लें। वार्ना लाखों का नुक्सान हो सकता है।  आपको तो पता ही है की  कार में कई तरह की खराब‌ियां आती हैं. कुछ को हम लोग इग्नोर कर देते हैं लेकिन ऐसा करने पर ये समस्याएं कम नहीं होतीं बल्कि और बढ़ जाती हैं। 

 ऐसी ही एक समस्या है कार का धुंआ छोड़ना. कार पेट्रोल हो या डीजल, दो रंग में धुंआ छोड़ सकती है. एक कार सफेद रंग का धुंआ छोड़ती है और दूसरा कार काले रंग का धुंआ छोड़ती है। इन दोनों ही रंग का धुंआ छोड़ना कार के लिए खतरनाक हो सकता है और आपकी जेब पर लाखों रुपये का खर्च आ सकता है.

कार के सफेद और काले रंग का धुंआ छोड़ने के पीछे भी इंजन से संबंधित खराबी के कारण होते हैं. कार का ऐसा धुंआ या स्मोक रिलीज करने से पहले आपके डैशबोर्ड पर इंजन से संबंधित साइन जरूर आता है. उसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। 

 आइये आपको बताते हैं इन दोनों तरह के धुंएं के पीछे क्या खराबी होती है और इसे कैसे सही करवाया जा सकता है। 

अगर कार छोड़े सफेद धुंआ

कार जब सफेद धुंआ छोड़ने लगे तो समझ लीजिए कि इंजन का गैस किट खराब हो गया है. यानि फ्यूल और कूलिंग वाटर को अलग अलग रखने वाली सील में लीकेज है और फ्यूल के साथ पानी मिक्स हो रहा है। 

 जिसके चलते कार सफेद धुंआ छोड़ रही है. ऐसी खराबी के बाद कार का पिकअप कम हो जाएगा, मिसिंग की समस्या होगी, साथ ही माइलेज भी काफी गिर जाएगा. इसका कारण होता है कि फ्यूल पूरी तरह से बर्न नहीं होता। 

ऐसा होते ही कार को सर्विस सेंटर पर ले जाकर नया गैस किट लगवाएं. क्योंकि ये खराबी किसी भी समय इंजन को पूरी तरह से सीज कर सकती है, जिसके बाद आपको पूरा इंजन सही करवाना होगा और इसका खर्च लाखों रुपये में आएगा.

क्या है काला धुंए का मतलब

कार जब काला धुंआ छोड़ने लगे तो इसका मतलब होता है कि फ्यूल के साथ इंजन ऑयल भी जल रहा है. ये इंजन की रिंग्स, पिस्टन और हैड गैसकिट में खराबी के चलते होता है. पिस्टन की रिंग्स खराब होने की स्थिति में पिस्टन बोर में ऑयल जाने लगता है और पेट्रोल या डीजल के साथ वो जलने लगता है. ये समस्या यदि शुरुआती समय में ही सही करवा ली जाए तो केवल रिंग्स को बदलवाने का खर्च आता है.

 हालांकि ये भी कई हजारों रुपये में बैठेगा लेकिन इस समस्या को ज्यादा दिनों बाद सही करवाने पर ये खर्च लाखों में बैठता है. क्योंकि इसके चलते पिस्टन सीज हो जाते हैं और हैड भी खराब हो जाता है।

 जिसके बाद इंजन को बोर करना पड़ता है और हैड को भी. इस प्रॉब्लम के कारण भी कार की पावर कम हो जाती है और माइलेज आधा भी नहीं रहता है.

 कैसे पता चलता है पहले 

इस तरह की समस्या आने से पहले ही कार आपको संकेत देती है. दरअसल कार में कई तरह के सेंसर लगे होते हैं. कार में पेट्रोल के साथ पानी का मिक्स होने पर ही डैशबोर्ड पर आपको इंजन का साइन दिखाई देगा। 

यदि वो साइन शुरुआत में आता है और फिर कुछ देर कार चलाने के बाद चला जाता है तो समझ लीजिए कि हैड गैस किट में खराबी आ गई है और आने वाले समय में ये बड़ी होने वाली है.

वहीं यदि इंजन के साइन के साथ ही ऑयल गेज का भी साइ आपको दिखता है तो ये रिंग्स और हैड गैसकिट खराब होने की निशानी है. इसके साथ ही इन साइन के दिखने पर और भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। 

 इसलिए जरूरी है ऐसा कोई भी अलर्ट यदि कार आपको देती है तो उसे तुरंत मैके‌निक को चेक करवाना चाहिए। 

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