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Crop Insurance Policy : क्या है फसल बीमा योजना, किसान कैसे उठा सकते हैं फायदा, जानिए पूरी डिटेल्स

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Crop Insurance Policy

Crop Insurance Policy : फसल बीमा योजना किसानों को आपात स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई योजना हैं,जिसके लिए किसान उम्मीदवार को बीमा पोर्टल या ऑनलाइन जाकर आवेदन करना होगा। फिर यह उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करेगी। इसे प्रधानमंत्री बीमा योजना भी कहते है। 

यह योजना भारत के हर राज्य में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की गई है।यह योजना प्रशासन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार  के अंतर्गत है।  भारत के ज्यादातर लोगों का व्यवसाय अब भी खेती है। तकनीक के इतने विकास के बाद भी ज्यादातर किसान बारिश पर ही निर्भर करते हैं।

ऐसे में कई बार अचानक होने वाली भारी बारिश, सूखा, तूफान या किसी अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा से फसलों के खराब होने का खतरा बना रहता है। इसका पूरा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है। 

इन्हीं अनिश्चितताओं के कारण होने वाले वित्तीय नुकसानों से किसानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  की शुरुआत की गई है, जो इस स्थिति में उनको वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 13 जनवरी 2016 को चलाई थी। 

फसल भरपाई का जिम्मा बीमा कंपनी का 

बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि जैसी स्थिति में किसानों को बहुत नुकसान होता है। इससे बचने के लिए किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवाने की सुविधा मिलती है। बीमा कवरेज के तहत अगर बीमित फसल नष्ट हो जाती है तो इसकी पूरी भरपाई जा जिम्मा बीमा कंपनी का होता है। इस बीमा के तहत खाद्य फसलें जैसे अनाज, बाजरा और दालें व तिलहन और वार्षिक वाणिज्यिक, वार्षिक बागवानी फसलें को कवर किया जाता है।

ऐसे मिलेंगे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पैसे 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आप सभी पैसा लेना चाहते हैं, जैसे कि आपको पैसा आपको कांच में आपके चेहरे की तरह दिख रहा है जी हां अगर आप सही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से पैसे कमाना चाहते हो तो इसके लिए आपको क्लेम करना होगा जिसको बोलते हैं बीमा का क्लेम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सबसे पहले 72 घंटे के भीतर क्लेम करना होगा इसकी पूरी जानकारी लेने के लिए यहां पर क्लिक करें .

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी

 इस योजना के अंतर्गत अगर प्राकृतिक आपदाएं के रोगों के कारण अगर आप की फसल बर्बाद हो जाती हैं, तो सरकार के द्वारा आप का भुगतान किया जाएगा जितने आप का नुकसान हुआ है।
कृषि में किसानों को सुनिश्चित करने के लिए बीज का भी पैसा मिलेगा आपको और साथ में इसका उद्देश्य यह भी है, कि किसान विशेषकर कर्ज के कारण आत्महत्या कर लेते हैं, तो उससे भी आपको छुटकारा मिलेगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विशेषताएं 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को यदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक हानि होती है तो इस हानि को सरकार द्वारा कुछ हद तक कवर करने की कोशिश किया जाता है।

 इस योजना के तहत किसानों के द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की प्रीमियम राशि को बहुत ही कम रखा गया है जिससे छोटा किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें ।

 सभी खरीद फसलों के लिए किसानों को केवल 2% और सभी रबी फसलों के लिए 1.5% की प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा।

 वार्षिक वाणिज्यिक बागवानी फसलों के मामले में किसानों द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम राशि केवल 5% होगा।

 पहले यह योजना सभी ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य था, लेकिन 2020 के बाद केंद्र ने ऐसे सभी किसानों के लिए वैकल्पिक कर दिया है

 इस योजना के तहत फसल कटाई के बाद नुकसान को भी शामिल किया गया है । फसल काटने के 14 दिन तक यदि फसल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा के कारण फसल नुकसान हो जाता है तो किसानों को दावा राशि प्राप्त हो सकेगी ।

 इस योजना में टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जाएगा जिससे नुकसान का आकलन शीघ्र और सही हो सके ।

 यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।

बीमा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन रूप से जमा की जाती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ

प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना के माध्यम से किसान को होने वाले नुकसान के लिए सरकार द्वारा बिमा प्रदान किया जायेगा |
इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते है जिनका किसी प्राकृतिक आपदा के कारन नुकसान हुआ है |
अन्य किसी कारन से नुकसान होने पर इस योजना का लाभ नहीं ले सकते है |
योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है |

योजना के मुख्य आकर्षण बिंदु 

किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा।
किसानों द्वारा भुगतान किये जानेवाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए।
सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इससे पहले, प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था। अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलेगा।
काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्ट फोन, रिमोट सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
2016-2017 के बजट में प्रस्तुत योजना का आवंटन 5, 550 करोड़ रूपये का है।
बीमा योजना को एक मात्र बीमा कंपनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
पीएमएफबीवाई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) की एक प्रतिस्थापन योजना है और इसलिए इसे सेवा कर से छूट दी गई है।

फसल बीमा योजना के उद्देश्य

प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना।
किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना।

गैर ऋणी किसानों को दिखाने होंगे ये दस्तावेज

अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगानेवाले पट्टेदार/ जोतदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के लिए पात्र हैं। गैर ऋणी किसानों को राज्य में प्रचलित के भूमि रिकार्ड अधिकार, भूमि कब्जा प्रमाण पत्र आदि आवश्यक दस्तावेजी प्रस्तुत करना आवश्यक हैं। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अनुमति अधिसूचित लागू अनुबंध, समझौते के विवरण आदि अन्य संबंधित दस्तावेजों भी आवश्यक हैं।

बीमा कंपनियों पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के द्वारा है।  

बीमा कंपनियों के कार्यान्वयन पर समग्र नियंत्रण कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाएगा।

मंत्रालय द्वारा नामित पैनल में शामिल एआईसी और कुछ निजी बीमा कंपनियॉ वर्तमान में सरकार द्वारा प्रायोजित कृषि, फसल बीमा योजना में भाग लेंगी। निजी कंपनियों का चुनाव राज्यों के उपर छोड़ दिया गया है। पूरे राज्य के लिए एक बीमा कंपनी होगी।

कार्यान्वयन एजेंसी का चुनाव तीन साल की अवधि के लिए किया जा सकता है, तथापि राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रदेश तथा संबंधित बीमा कंपनी यदि प्रासंगिक हो तो शर्तों पर फिर से बातचीत करने के लिए स्वतंत्र हैं। यह बीमा कंपनियों को किसानों के बीच सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों में प्रीमियम बचत से निवेश करने के माध्यम से विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए सुविधा प्रदान करेगा।

प्रबंधन और योजना सम्बंधित जानकारी 

राज्य में योजना के कार्यक्रम की निगरानी के लिए संबंधित राज्य की मौजूदा फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति जिम्मेदार होगी। हालांकि कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की निगरानी समिति राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना की निगरानी करेगी।

किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक फसली मौसम के दौरान प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित निगरानी उपायों का पालन प्रस्तावित है:

नोडल बैंकों के बिचौलिये आगे मिलान के लिए बीमित किसानों (ऋणी और गैर-ऋणी दोनों) की सूची अपेक्षित विवरण जैसे नाम, पिता का नाम, बैंक खाता नंबर, गांव, श्रेणी - लघु और सीमांत समूह, महिला, बीमित होल्डिंग, बीमित फसल, एकत्र प्रीमियम, सरकारी सब्सिडी आदि सॉफ्ट कॉपी में संबंधित शाखा से प्राप्त कर सकते हैं। इसे ई मंच तैयार हो जाने पर ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

संबंधित बीमा कंपनियों से दावों की राशि प्राप्त करने के बाद, वित्तीय संस्थाओं/बैंकों को एक सप्ताह के भीतर दावा राशि लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरण कर देना चाहिए। इसे किसानों के खातों में बीमा कंपनी द्वारा सीधे ऑनलाइन हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
लाभार्थियों की सूची (बैंकवार एवं बीमित क्षेत्रवार) फसल बीमा पोर्टल एवं संबंधित बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है।
करीब 5% लाभार्थियों को क्षेत्रीय कार्यालयों/बीमा कंपनियों के स्थानीय कार्यालयों द्वारा सत्यापित किया जा सकता है जो संबंधित जिला स्तरीय निगरानी समिति और राज्य सरकार/फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति को प्रतिक्रिया भेजेंगें।

बीमा कंपनी द्वारा सत्यापित लाभार्थियों में से कम से कम 10% संबंधित जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा प्रतिसत्यापित किए जायेंगें और वे अपनी प्रतिक्रिया राज्य सरकार को भेजेंगें।

लाभार्थियों में से 1 से 2% का सत्यापन बीमा कंपनी के प्रधान कार्यालय/केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र एजेंसियों/राष्ट्रीय स्तर की निगरानी समिति द्वारा किया जा सकता है और वे आवश्यक रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजेंगें।

इसके अलावा, जिला स्तरीय निगरानी समिति जो पहले से ही चल रही फसल बीमा योजनाओं जैसे राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना,संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और नारियल पाम बीमा योजना के कार्यान्वयन और निगरानी की देखरेख कर रही है, योजना के उचित प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगी।

किसानों के लिए शुरु किया गया एक बीमा पोर्टल 

भारत सरकार ने हाल ही में किसानों की फसल सम्बंधित जानकारी के समुचित प्रचार-प्रसार और पारदर्शिता के लिए एक एंड्रॉयड आधारित "फसल बीमा ऐप्प" भी शुरू किया गया है जो फसल बीमा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग  की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।

आवेदन करने की प्रक्रिया

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान किसी भी बैंक का बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हे बैंक जाकर बस एक फॉर्म भरना पड़ता है और फिर उनके फसलों का बीमा हो जाता है। हालांकि, किसानों को अपने जमीन और अन्‍य कागजात को बैक के पास जमा करना पड़ता है। दूसरा अगर किसानों के पास पहले से किसी तरह का लोन या क्रेडिट कार्ड बनवाया हुआ है तो वे उस बैंक से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवा सकते हैं।

बीमा क्लेम लेने के लिए देना होगा फसल बारे पूरा विवरण 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्लेम लेने के लिए किसानों को सबसे पहले 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को फसल खराब होने की जानकारी देनी होती है। इसके बाद आवेदन करना होता है। फॉर्म में फसल खराब होने का कारण, कौन-सी फसल बोई गई थी, कितने क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई हैं, इन सब बातों का ब्यौरा देना होता है। उन्हें जमीन से संबंधित जानकारी भी देनी होती है। इसके आलवा, बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी की जरूरत होती है। आवेदन करने के कुछ दिनों के बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आकलन करते हैं और सब कुछ सही पाए जाने पर किसान के बैंक अकाउंट में बीमा का पूरा क्लेम डाल दिया जाता है।

किसान अपनी मर्जी से इस योजना के तहत करवा सकते हैं बीमा 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शुरुआती दिनों में इसे सभी किसानों के लिए अनिवार्य बनाया गया था, लेकिन बाद में इस नियम को हटा दिया गया। अब किसान अपनी मर्जी से इस योजना के तहत बीमा करवा सकते हैं। हालांकि, जोखिम के स्तर को कम करने के बावजूद यह योजना किसानों में उतनी लोकप्रिय नहीं हो रही है। इसके पीछे का कारण है जोखिम उठाने वाले किसान और जोखिम न उठाने वाले किसानों के लिए अलग-अलग पॉलिसी नहीं है। साथ ही, बीमा प्रीमियम का निर्धारण भी सही से नहीं किया गया है, जिससे अलग-अलग बैंकों में यह दरें भिन्न हो सकती हैं। इन वजहों से फसल बीमा योजना भारतीय किसानों का विश्वास नहीं जीत पा रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

आधार कार्ड
निवास प्रमाण पत्र
खसरा भूमि की संख्या
राशन पत्रिका
मतदाता पहचान पत्र
बैंक खाता
समझौते की फोटोकॉपी
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट आकार की तस्वीर, आदि।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए कैसे करें आवेदन 

आवेदन करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
जिसका लिंक है- www.pmfby.gov.in
होम पेज पर आपको 'रजिस्ट्रेशन' पर क्लिक करना होगा।
फिर आपको पूछे गए सभी विवरण सही-सही भरने होंगे।
सारी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद आपका अकाउंट बन जाएगा जिसके जरिए आप बीमा योजना में लॉग इन कर सकते हैं।
फिर लॉगिन करने के बाद आपको बीमा योजना में फॉर्म भरना होगा।
जिसे भरने के बाद आपको सबमिट पर क्लिक करना होगा।
इस तरह आप आसानी से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए कैसे करें  लॉगिन 

लॉग इन करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट खोलनी होगी।
जिसके होम पेज पर आपको 'साइन इन' पर क्लिक करना होगा।
क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
जिसमें आपको अपना मोबाइल नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड भरना होगा।
भरने के बाद लॉगिन पर क्लिक करना न भूलें।
जिसके बाद आप इस पोर्टल में लॉगिन हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन की जांच ऐसे करें 

स्टेटस के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करना होगा।
जिसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
होम पेज पर आपको 'एप्लीकेशन स्टेटस' पर क्लिक करना होगा।
अगले पेज पर आपको अपना रसीद नंबर और कैप्चा कोड भरना होगा।
भरने के बाद आपको सर्च स्टेटस पर क्लिक करना होगा।
फिर आपकी डिस्प्ले स्क्रीन पर आपका स्टेटस खुल जाएगा।

प्रधानमंत्री ब्याज दर योजना 2023 में लाभार्थी सूची की ऐसे करें जाँच 

इस सूची के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
फिर होम पेज पर आपको 'लाभार्थी सूची' पर क्लिक करना होगा।
क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
जिसमें आपको अपने राज्य, जिले और ब्लॉक का चयन करना होगा।
चयन करने के बाद आपके सामने लाभार्थी सूची खुल जाएगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2023 का मोबाइल ऐप ऐसे करें  डाउनलोड

ऐप के लिए आपको 'गूगल प्ले स्टोर' में जाना होगा।
जिसके सर्च बॉक्स में आपको 'प्रधानमंत्री फसल बीमा एप' डालना है।
जिसके बाद आपके सामने एक लिस्ट खुल जाएगी।
जिसमें आपको सबसे ऊपर वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपको इंस्टॉल सेलेक्ट करना है।
जिसके बाद यह ऐप आपके डिवाइस में डाउनलोड हो जाएगा

बीमा की गणना करने की प्रक्रिया 

सबसे पहले आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की वेबसाइट पर जाना होगा।
फिर आपको वेबसाइट के होम पेज पर 'इंश्योरेंस कैलकुलेटर' का चयन करना होगा।
अगले पेज पर आपको अपना मौसम, वर्ष, योजना, राज्य, जिला, फसल आदि विवरण का चयन करना होगा।
सेलेक्ट करने के बाद आपको कैलकुलेट पर क्लिक करना है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लिस्ट ऐसे करें डाउनलोड

इस सूची के लिए आपको इस योजना का ऑनलाइन पोर्टल खोलना होगा।
जिसके बाद आपकी वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
जिसमें आप 'डैशबोर्ड' पर क्लिक करते हैं।
फिर आपको 'कवरगे डैशबोर्ड' का चयन करना होगा।
इसके बाद आपको 'राज्यवार रिपोर्ट' पर क्लिक करना होगा।
फिर आपको राज्य, जिला, उप जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत का चयन करना होगा।
जिसके बाद आपकी स्क्रीन पर पूरी डिटेल खुल जाएगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बारे ऐसे करवाएं शिकायत दर्ज 

सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करना होगा।
जिसके होम पेज पर आपको 'तकनीकी शिकायत' का चयन करना होगा।
अगले पेज पर आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और कमेंट दर्ज करना होगा।
सारी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट पर क्लिक करना होगा।
इस तरह आपकी शिकायत फाइल हो जाएगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे ऐसे दें फीडबैक 

इसके लिए आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की वेबसाइट पर जाना होगा।
इसके होम पेज पर आपको 'फीडबैक' पर क्लिक करना होगा।
क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
जिसमें आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि डिटेल्स भरनी हैं।
साथ ही आपको कैप्चा कोड भरना होगा और सबमिट पर क्लिक करना होगा।
इस तरह आप इस पोर्टल में फीडबैक दे सकते हैं।

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