Haryana News: हरियाणा में नये मंत्रियों को कौनसे कौनसे मिल सकते हैं विभाग, देखें पूरी जानकारी
Haryana News: हरियाणा में नयी सरकार के गठन और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अभी तक विभागों का आवंटन नहीं हो पाया है। नये मंत्रियों में विभागों को लेकर पेच फंसा हुआ है।
इस बीच, बृहस्पतिवार को सीएम नायब सिंह सैनी दिल्ली पहुंचे। वहां उन्होंने कई केंद्रीय नेताओं के साथ मुलाकात की। माना जा रहा है कि सैनी का यह दौरा मंत्रियों के विभाग आवंटन को लेकर ही था। शुक्रवार को सुबह सैनी नयी दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे।
बताते हैं कि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी बाहर थे। इस वजह से भी मंत्रियों के विभागों की अलॉटमेंट में देरी हुई। विभागों का आवंटन अब अधिक नहीं लटकेगा। जल्द ही सभी मंत्रियों को विभाग सौंपे जा सकते हैं।
नायब कैबिनेट में छह उन मंत्रियों को शामिल किया है, जो मनोहर कैबिनेट में भी थे। वहीं सात नये चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। इस बार राज्य मंत्रियों की संख्या भी अधिक है। प्रदेश में 6 कैबिनेट और सात राज्य मंत्री बनाए हैं। राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया है।
माना जा रहा है कि गृह विभाग मुख्यमंत्री अपने पास ही रखेंगे। इसी तरह वित्त विभाग भी वे खुद ही रख सकते हैं। मनोहर पार्ट-।। में भी वित्त विभाग पूर्व सीएम मनोहर लाल ने अपने पास ही रखा हुआ था।
ऐसा इसलिए भी संभव है, क्योंकि मौजूदा सरकार अपना पांचवां और आखिरी बजट फरवरी में ही पेश कर चुकी है। नायब सरकार के मंत्रियों की नजरें अब पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को प्राप्त रहे विभागों पर है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों में विभागों को लेकर मारामारी बची है। दिल्ली तक लॉबिंग हो रही है।
गठबंधन में जजपा के बाद आबकारी एवं कराधान, खाद्य एवं आपूर्ति, उद्योग एवं वाणिज्य, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, विकास एवं पंचायत, श्रम, पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें), नागरिक उड्डयन व अग्निशमन सेवाएं जैसे बड़े विभाग थे।
सूत्रों का कहना है कि मनोहर कैबिनेट में शामिल जिन मंत्रियों को नायब मंत्रिमंडल में जगह मिली है, उनके पहले वाले विभाग बने रह सकते हैं। बदलाव अगर हुआ तो कमल गुप्ता के विभाग में हो सकता है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग दिया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर के पास कुछ पुराने विभाग बने रहेंगे। संसदीय कार्य मामले मंत्री भी गुर्जर ही रहेंगे। उन्हें पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन भी दिया जा सकता है।
राज्य मंत्री सीमा त्रिखा को महिला एवं बाल विकास विभाग के अलावा एक-दो और विभाग दिए जा सकते हैं। इसी तरह स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री महिपाल ढांडा को विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया जा सकता है।
निकाय विभाग को लेकर रस्साकसी
मनोहर सरकार में शहरी स्थानीय निकाय विभाग डॉ़ कमल गुप्ता के पास था। इस विभाग को लेकर नये मंत्रियों में जबरदस्त टकराव चल रहा है। बताते हैं कि कई मंत्री यह विभाग लेने के लिए भाग-दौड़ कर रहे हैं।
इनमें थानेसर विधायक व राज्य मंत्री सुभाष सुधा, असीम गोयल भी शामिल हैं। ऐसे में विभाग कमल गुप्ता के पास भी बना रह सकता है। बताते हैं कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग पर भी कई मंत्रियों की नजरें हैं। माना जा रहा है कि असीम गोयल को उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री बनाया जा सकता है।