New Rules: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का बड़ा फैसला, 1 अक्टूबर से लागू होगा टैक्स से जुड़ा ये नया नियम
New Rules: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने टैक्स कलेक्शन एट सोर्स की नई दरें लागू करने का फैसला ले लिया है। यह टीसीएस भारतीय नागरिकों की तरफ से विदेशों में पढ़ने, घूमने या फिर वहां निवेश सहित किए गए किसी भी प्रकार के ट्रांजैक्शन पर लगने वाला टैक्स होता है। इससे सम्बंधित जो भी नियमों में बदलाव किये गए हैं वे 1 अक्टूबर 2023 से लागू किए जाएंगे।
बता दें कि इन नियमों में बदलाव के चलते विदेशों में किया जाने वाला किसी भी प्रकार का खर्च और ट्रांजैक्शन सीधे प्रभावित होगा। आइये जाने पूरी डिटेल
यदि कोई भी व्यक्ति फाइनेंशियल ईयर के अंदर विदेश में बड़ी रकम खर्च करता है तो उस पर टीसीएस लागू होगा। लेकिन यदि वह इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करता है तो ऐसा नहीं होगा। फिर उस पर टीसीएस नहीं लगेगा।
बता दें कि यदि कोई भी व्यक्ति एजुकेशन के लिए विदेश पैसे भेजता है तो उस पर भी टीसीएस लगेगा। लेकिन यदि 7 लाख रुपए से कम के अमाउंट भेजा जा रहा है तो उस पर कोई टीसीएस नहीं लगेगा और यदि इससे ज्यादा भेजा जायेगा तो उस पर 5 फीसदी टीसीएस लगेगा।
इसी तरह मेडिकल एक्सपेंस पर भी 7 लाख रुपए तक कोई टीसीएस नहीं लागू होगा। लेकिन अगर यह अमाउंट 7 लाख रुपए से ज्यादा होता है, तो 5 फीसदी टीसीएस लागू होगा।
यदि कोई व्यक्ति 7 लाख रुपए से कम का विदेशी टूर पैकेज खरीदता है तो उस पर 5 फीसदी टीसीएस लगेगा। जबकि 7 लाख रुपए से ज्यादा का टूर पैकेज खरीदने पर 20 फीसदी टीसीएस लागू होगा। यह नियम भी अगले महीने की 1 तारीख से लागू होगा।
यदि कोई व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में विदेशी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, क्रिप्टोकरेंसी या प्रॉपर्टी में 7 लाख रुपए से ज्यादा का इंवेस्टमेंट करता है, तो उस अमाउंट पर 20 फीसदी टीसीएस लागू होगा। हालांकि, विदेशी स्टॉक एक्सपोजर वाले घरेलू म्यूचुअल फंड पर कोई टीडीएस नहीं लगेगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) लिब्रेलालिस्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत कोई भी व्यक्ति एक साल में 250,000 डॉलर तक का अमाउंट विदेश भेज सकता है। नए नियमों के अनुसार, 1 अक्टूबर से मेडिकल और एजुकेशन के अलावा किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए 7 लाख रुपए से ज्यादा का अमाउंट भेजने पर 20 फीसदी टीसीएस लगेगा।
अगर कोई व्यक्ति डेबिट और फॉरेक्स कार्ड से 7 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजैक्शन करता है, तो अक्टूबर की पहली तारीख से उस पर 20 फीसदी टीसीएस लागू होगा। हालांकि, क्रेडिट कार्ड से किए गए ट्रांजैक्शन पर कोई टीसीएस नहीं लगेगा।
यदि कोई भी व्यक्ति टीसीएस का भुगतान कर रहा है तो उसके लिए यह जानना जरूरी है कि यह कोई अलग टैक्स नहीं है बल्कि एक टैक्स क्रेडिट है। बता दें कि इसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय रिफंड के रूप में क्लेम किया जा सकता है।
हालांकि इसको लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे कुछ टैक्सपेयर्स को कैश फ्लो से जु़ड़ी परेशानियां हो सकती हैं क्योंकि आईटीआर की प्रोसेसिंग के बाद रिफंड होने तक फंड लॉक रहेगा।