SBI की सुपरहिट स्कीम, वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुशखबरी! होगा 21 लाख का मुनाफा, जानें पूरी डिटेल्स
SBI Scheme : रिटायरमेंट के बाद कोई भी आम निवेशक अपने पैसे को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। यह सच है कि वरिष्ठ नागरिक होने के बाद पैसे पर जोखिम नहीं लिया जा सकता, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पैसे से पैसा बनाने के विकल्प खत्म हो गए हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए निश्चित और गारंटीकृत आय के लिए कई बैंक जमा और सरकारी योजनाएं हैं। इनमें से एक है भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा योजना।
SBI FD Rates 2023 : वरिष्ठ नागरिकों को कितना फायदा?
एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की परिपक्वता अवधि के लिए एसबीआई की एफडी योजना में जमा कर सकते हैं। आम तौर पर वरिष्ठ नागरिकों को नियमित ग्राहकों की तुलना में फिक्स्ड डिपॉजिट पर आधा फीसदी (0.50%) ज्यादा ब्याज मिलता है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल से 10 साल की एफडी पर 1% ज्यादा ब्याज मिलता है।
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, नियमित ग्राहकों को 5 साल से 10 साल तक की एफडी पर 6.5 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को बैंक 7.5 फीसदी सालाना ब्याज दे रहा है. दरअसल, वरिष्ठ नागरिकों को 5 से 10 साल की एफडी पर एसबीआई वी-केयर डिपॉजिट स्कीम के तहत अतिरिक्त आधा फीसदी प्रीमियम ब्याज मिलता है।
SBI FD : ₹10 लाख 10 साल में ₹21 लाख हो जाएंगे
मान लीजिए कि एक वरिष्ठ नागरिक एसबीआई की 10 साल की परिपक्वता योजना में 10 लाख की एकमुश्त राशि जमा करता है। एसबीआई एफडी कैलकुलेटर के मुताबिक, निवेशक को 7.5 फीसदी सालाना ब्याज दर पर मैच्योरिटी पर कुल 21,02,349 रुपये मिलेंगे।
इसमें ब्याज से 11,02,349 रुपये की निश्चित आय होगी। आपको बता दें, एसबीआई ने 15 फरवरी 2023 से 2 करोड़ रुपये से कम की जमा पर ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा दी हैं. बैंकों की ओर से कर्ज महंगा करने के साथ-साथ जमा पर ब्याज दरें भी बढ़ाई जा रही हैं. इससे पहले एसबीआई ने 13 दिसंबर 2022 को एफडी पर ब्याज दरें बढ़ाई थीं।
एसबीआई एफडी: ब्याज आय कर योग्य
बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट/टर्म डिपॉजिट सुरक्षित मानी जाती है। जोखिम न लेने वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। 5 साल की टैक्स सेविंग FD पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। आयकर नियमों (आईटी नियमों) के अनुसार, एफडी योजना पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) लागू होती है।
यानी एफडी की मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम आपकी आय मानी जाएगी और आपको स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देना होगा। आईटी नियमों के अनुसार, जमाकर्ता कर कटौती से छूट के लिए फॉर्म 15G/15H जमा कर सकता है।