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Haryana News: हरियाणा में अब फ्लैट खरीदना हुआ महंगा, पॉलिसी में बदलाव से 20% तक बढ़े रेट

हरियाणा की मनोहर सरकार ने करीब 10 साल बाद अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में बदलाव किया है। 
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Haryana News: हरियाणा की मनोहर सरकार ने करीब 10 साल बाद अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में बदलाव किया है। इस बदलाव का सीधा असर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर पड़ेगा क्योंकि इस स्कीम के तहत फ्लैट खरीदने पर उन्हें अब पहले के मुकाबले अपनी जेब और अधिक ढीली करनी होगी। 

विशेषकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और पिंजौर-कालका में फ्लैट के लिए लोगों को अधिक कीमत चुकानी होगी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता ने संशोधित पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है। 

कैबिनेट मीटिंग में लगी थी मुहर

भवनों की निर्माण लागत लगातार बढ़ने के चलते कॉलोनाइजर्स और बिल्डर लंबे समय से फ्लैट के दाम बढ़ाने की मांग करते आ रहे थे। ऐसे में गत 7 जुलाई को कैबिनेट मीटिंग में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में बदलाव के फैसले पर मुहर लगाई गई थी, जिसे अब लागू कर दिया गया है। 

इन लोगों को करनी होगी जेब ढीली

गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, पिंजौर-कालका में कारपेट एरिया पर 800 रुपये प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की गई है। यह अब आवंटन दर पांच हजार रुपये प्रति वर्ग फीट होगी जो पहले 4200 रुपये प्रति वर्ग फीट थी।

उच्च और मध्यम क्षमता वाले शहरों के लिए कारपेट एरिया पर 700 रुपये प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की गई है। इससे अब अधिकतम आवंटन दर प्रति वर्ग फीट कारपेट एरिया के आधार पर 4500 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है, जो पहले 3800 रुपये प्रति वर्ग फीट थी।

कम क्षमता वाले शहरों के लिए कारपेट एरिया पर 600 रुपये प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी की गई है। इससे यहां फ्लैट की अधिकतम आवंटन दर प्रति वर्ग फीट कारपेट एरिया के आधार पर 3800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है, जो पहले 3200 रुपये प्रति वर्ग फीट थी।

नीति में संशोधन के बाद बालकनी की दरों में भी 200 रुपये वर्ग फीट की बढ़ोतरी की गई है, जिससे नई कीमतें अब 1200 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई हैं जो पहले 1000 रुपये वर्ग फीट थी।

हालांकि कुल लागत 1.2 लाख रुपये प्रति फ्लैट से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह दरें उन सभी लाइसेंसों पर लागू की जाएंगी जिनका आवंटन होना बाकी है।

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