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हरियाणा कांग्रेस में प्रधान बनना नहीं होगा इतना आसान, नए पार्टी प्रभारी संगठन लिस्ट की करेंगे वेरिफिकेशन; खुद मैदान में उतर कर जानेंगे नेता जी का जनाधार

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हरियाणा

Haryana News: हरियाणा में अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इन चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में संगठन तैयार करने की कवायद में जुट गई है। हरियाणा कांग्रेस पार्टी के नए प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना संगठन खड़ा किए सत्ता हासिल करना मुश्किल चुनौती हो सकता है। 

इन्हीं बातों को ठोस आधार मानते हुए नए प्रभारी दीपक बाबरिया ने अब केंद्रीय नेतृत्व के पास रखी संगठन की संभावित लिस्ट को वेरिफिकेशन कराने का फैसला किया है। बाबरिया अब खुद ग्राउंड लेवल पर जाकर लिस्ट में शामिल नेताओं और वर्करों का जनाधार तलाशेंगे, साथ ही दूसरों से फीडबैक भी लेंगे।

केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे लिस्ट

दीपक बाबरिया पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद मंजूरी के लिए हाईकमान को सौपेंगे। वह किसी भी सूरत में नहीं चाहेंगे कि हाईकमान द्वारा लिस्ट जारी करने के बाद विरोध की स्थिति उत्पन्न हो। साथ ही लिस्ट देने के दौरान जब किसी प्रकार का कोई सवाल पूछा जाए तो वह उसका सटीक उत्तर पार्टी के नेताओं को दे सकें। या किस पार्टी के नेता या वर्कर ने फील्ड में कितना काम किया है।

वेरिफिकेशन से जमीनी हकीकत आएगी सामने

दिल्ली लिस्ट में 180 ब्लॉक और 33 जिला प्रधानों के नाम शामिल हैं। सितंबर, 2022 में पार्टी PRO को यह लिस्ट सौंपी गई थी। पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया द्वारा इस लिस्ट में शामिल नेताओं की जमीनी हकीकत पर वेरिफिकेशन कराई जाएगी ताकि पता चल सके कि क्षेत्र में उक्त नेता का कितना जनाधार है। या फिर राज्य के नेताओं ने अपने- अपने समर्थकों को चेहरे देखकर शामिल कराया है, जिसका नुकसान आने वाले चुनावों में पार्टी को होना निश्चित माना जा रहा है। 

गुटबाजी बड़ी वजह

इस फैसले के पीछे की सबसे बड़ी वजह हरियाणा कांग्रेस में आपसी अंतर्कलह बताया जा रहा है। हरियाणा में पार्टी के बड़े चेहरों में शुमार रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, किरण चौधरी लगातार पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा गुट पर आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने लिस्ट में सिर्फ अपने समर्थकों के नामों को शामिल किया है। 
 

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