सहारा में फंसा पैसा 45 दिनों में मिलेगा वापस, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया ऐलान
केंद्र सरकार की पहल के बाद अब सहारा में निवेश करने वाले लोगों का पैसा जल्द मिल जाएगा. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह उम्मीद जताई. वह 'सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल' (CRCS Refund Portal) की लॉन्चिंग के मौके पर बोल रहे थे. पोर्टल का मकसद सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों में जमा करोड़ों लोगों की मेहतन की कमाई को करीब 45 दिनों में वापस करना है. उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब जमाकर्ताओं को ऐसे मामले में उनका पैसा वापस मिल रहा है.
अब आपका पैसा कोई नहीं रोक सकता
उन्होंने बताया कि इस मामले में कई सरकारी एजेंसियां शामिल हैं और हर एजेंसी ने संपत्ति जब्त की है. केंद्रीय मंत्री ने पैसा जमा करने वालों को भरोसा दिया कि अब उनका पैसा कोई नहीं रोक सकता है. इनता ही नहीं पोर्टल पर पंजीकरण करने के 45 दिन में उन्हें रिफंड मिल जाएगा. सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि चारों सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के अंदर पैसा लौटा दिया जाएगा. यह ऐलान सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद हुआ, जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (CRCS) को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया था.
10000 रुपये तक का रिफंड मिलेगा
उन्होंने कहा कि शुरुआत में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपये तक का रिफंड मिलेगा. बाद में उन लोगों के लिए राशि बढ़ाई जाएगी जिन्होंने ज्यादा निवेश किया है. उन्होंने कहा कि 5,000 करोड़ रुपये का कोष पहले चरण में 1.7 करोड़ जमाकर्ताओं को राहत देने में सक्षम होगा. चार सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में लगभग 2.5 करोड़ लोगों के 30,000 रुपये तक जमा हैं.
शाह ने कहा, '5,000 करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को दिए जाने के बाद हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे अधिक धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे. इससे बड़ी राशि वाले अन्य जमाकर्ताओं का पूरा धन वापस किया जा सकेगा.' इन सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के वैध दावे प्रस्तुत करने के लिए आईएफसीआई (IFCA) की एक सहायक कंपनी ने पोर्टल विकसित किया है. शाह ने कहा कि इसके लिए दो बातें जरूरी हैं - मोबाइल के साथ आधार रजिस्ट्रेशन और उस बैंक खाते से आधार को जोड़ना, जिसमें रिफंड जमा करना है. उन्होंने कहा कि पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए साझा सेवा केंद्र जमाकर्ताओं की मदद करेंगे.