पानीपत- जालंधर सिक्स लेन हाईवे का होगा पुनर्निर्माण, 500 करोड़ रूपए होंगे खर्च
Panipat News: वाहन चालकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा 500 करोड़ रुपए की लागत से करीब 291 Km लंबे पानीपत-जालंधर सिक्स लेन हाईवे का पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर अलॉट कर दिया गया है और अक्टूबर महीने से इस पर काम शुरू हो जाएगा। सर्विस लेन से मेन हाईवे पर आने वाले हिस्से में बदलाव किए जाएंगे। इससे शहरी आबादी से आने वाले वाहन चालकों को सुविधा होगी।
अवैध कट होंगे बंद
इस प्रोजेक्ट के तहत नए पुल और अंडरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसमें 1 हरियाणा और 4 पुल पंजाब की सीमा में बनेंगे। इसके अलावा हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ढाबों, पेट्रोल पंपों आदि के सामने बनाए गए करीब 300 अवैध कट बंद किए जाएंगे। ढाई साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
काम अधूरा लेकिन तीन जगहों पर टोल वसूली
पानीपत से जालंधर तक सिक्स लेन प्रोजेक्ट नवंबर 2011 में पूरा होना था, लेकिन यह प्रोजेक्ट आज भी अधूरा पड़ा है। लेकिन इस हाइवे पर 11 मई, 2009 से लेकर आज भी तीन जगहों पर टोल वसूली की जा रही है। यह टोल प्लाजा अंबाला, करनाल और लुधियाना जिले में स्थित है।
सोमा कंपनी के पास था टेंडर
इस हाइवे के निर्माण कार्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर NHAI और सोमा कंपनी के बीच साल 2008 में करार हुआ था। हाइवे पर चाहें सड़क का मामला हो, सर्विस लेन पर लाइटें या फिर पानी निकासी का लेकिन वाहन चालकों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। सोमा कंपनी को इस मामले में नोटिस जारी किए गए थे लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ और आखिरकार कंपनी का टेंडर रद्द कर दिया गया। अब इस हाईवे पर पानीपत से जालंधर तक अलग-अलग कंपनियों को टेंडर दिए गए हैं।
कागज़ों तक सीमित रही सुविधाएं
पानीपत-जालंधर सिक्स लेन पर टोल के माध्यम से सोमा कंपनी ने तो करोड़ों रुपये कमा लिए लेकिन सुविधाएं नहीं दीं। इस हाइवे पर वाहन चालकों को मिलने वाली सुविधाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही।
इस रूट पर सेव आवर सोल (एसओएस) बॉक्स ठप मिले हैं। यह आपातकालीन स्थिति में वाहन मालिकों के लिए लगाए गए थे ताकि बटन दबाने पर एंबुलेंस सेवा सहित अन्य मदद ली जा सके।
NHAI ने संभाली जिम्मेदारी
अब इस प्रोजेक्ट को NHAI ने अपने हाथों में ले लिया है। लाइटों के प्रोजेक्ट के बाद आपरेशन एंड मेंटीनेंस (ओएंडएम) का टेंडर जारी किया गया है। वहीं पहले अनुचित तरीके से बने ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जाएगा ताकि वाहन चालकों को आवागमन करने में किसी तरह की परेशानी न हो।