जींद रियासत के 9वें और अंतिम महाराज सतबीर सिंह नहीं रहे, रियासत की गद्दी हुई खाली
जींद रियासत के 9वें और अंतिम महाराज सतबीर सिंह का 84 साल की आयु में बीमारी के चलते निधन हो गया है। उन्होंने 19 अगस्त की देर रात को गुरुग्राम के पालम विहार में अंतिम ली। जिसका अंतिम संस्कार रविवार को किया गया। महाराजा सतबीर सिंह को उनकी भतीजी रमिंदरबीर कौर सिंधू ने मुखाग्रि दी। अब उनकी सारी रस्म क्रियाएं संगरूर में की जाएंगी।
सतबीर सिंह की 2 रानियां थी जिनमें से एक का निधन हो गया था जबकि दूसरी के साथ उनका तलाक हो गया था। उनकी कोई संतान नहीं थी, इसीलिए अब राजगद्दी खाली हो गई है, क्योंकि राजसी घरानों की रिवायत के अनुसार महाराज की पहली संतान ही राजगद्दी की सही हकदार होती है।
जींद रियासत की रानी इन्द्रजीत कौर के परिवार ने सतबीर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। रानी इन्द्रजीत कौर ने बताया कि रियासत की गद्दी पर नौवें महाराज के तौर पर सतबीर सिंह बैठे थे। बंटवारे के बाद वे संगरूर में रहने लगे थे जहां से बाद में गुरुग्राम के पालम विहार में जाकर रहने लगे थे।
कुछ मीडिया में प्रकाशित समाचारों में यह दावा किया गया कि जींद रियासत के आखिरी माहराज जगतबीर सिंह के पोते और रियासत के उत्तराधिकारी जगबीर सिंह थे, जिनका निधन हो गया है। जबकि राजघराने से जुड़े लोगों की मानें तो यह पूरी तरह से अफवाह थी क्योंकि जगतबीर सिंह की कभी ताजपोशी हुई ही नहीं थी ।
अफवाहों का दौर लगातार जारी रहा तथा दिसम्बर, 2018 में एक बार फिर संगरूर के एक समाचार पत्र में जगबीर सिंह की बेटी जियानवीर संधू को राजशाही पगड़ी पहनाने का समाचार प्रकाशित हुआ ।
समाचार पत्रों में जींद रियायत के राजघराने को लेकर लगातार छप रही अफवाहों की बातें जब जींद रियासत के नौवें व अंतिम महाराज सतबीर सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने जनता को सच्चाई से रू-ब-रू करवाने के लिए पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। जिसमें महाराज के वकील निखिल सर्राफ व करीबी मित्र शामिल हुए थे।
बैठक में महाराज के वकील निखिल सर्राफ ने पत्रकारों को विस्तार से बताया था कि किस प्रकार सतबीर सिंह ही जींद रियासत के 9वें व अंतिम महाराज हैं, जिनकी जींद रियासत के आखिरी महाराज को लेकर समय- रिहाइश गुरुग्राम में है।