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Success Story: नेशनल चैंपियन बना असिस्टेंट कमांडेंट, पहले प्रयास में पास की यूपीएससी, जाने इनकी सफलता की कहानी

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नेशनल चैंपियन बना असिस्टेंट कमांडेंट, पहले प्रयास में पास की यूपीएससी

Success Story : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के नंदग्राम के रहने वाले 23 साल के गगनदीप सिंह पहले प्रयास में ही यूपीएससी की सीएपीएफ असिस्टेंट कमाडेंट परीक्षा पास करने में कामयाब रहे. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 85वीं रैंक हासिल की है.

गगनदीप सिंह एथनेटिक्स में नेशनल चैंपियन रह चुके हैं. लेकिन फिर उनके घुटने में चोट लग गई. घुटने की चोट ने उनके करियर को एक नई दिशा दी. उन्होंने डिफेंस में करियर बनाना तय किया. इसी क्रम में उन्होंने यूपीएससी सीएपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती परीक्षा दी थी. गगनदीप ने सीडीएस परीक्षा भी दी है. उन्हें इस रिजल्ट का भी इंतजार है.

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की ग्रेजुएशन 

गगनदीप सिंह ने 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से लाइफ साइंस में ग्रेजुएशन किया है. उनकी शुरू से ही खेल में रुचि थी. वह नेशनल चैंपियन रहने के साथ इंटरनेशनल टूर्नामेंट भी खेल चुके हैं. ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने जूनियर ओलंपिक की तैयारी शुरू की लेकिन फिर लॉकडाउन लग गया. इसके बाद जब उन्होंने सीनियर ओलंपिक की तैयारी शुरू की तो घुटने में चोट लग गई. बेड रेस्ट के दौरान उन्हें लगा कि अब वह स्पोर्ट्स कॉन्टीन्यू नहीं कर पाएंगे.

 पिता हैं कॉन्ट्रैक्टर

गगनदीप सिंह के पिता प्रमोद कुमार कंस्ट्रक्शन में ठेकेदारी करते हैं. उनकी मां गृहणी हैं. गगनदीप की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा नंदग्राम में ही सेंट जोसेफ एकेडमी में हुई है. 10वीं क्लास में उनके 94.6 फीसदी और 12वीं (PCB) में 89 फीसदी मार्क्स थे.

बेड रेस्ट के दौरान नए करियर के बारे में सोचा

गगनदीप सिंह ने चोट से उबरने के क्रम में बेड रेस्ट के दौरान डिफेंस सर्विस में करियर बनाना तय किया. इसके लिए उन्होंने रणनीति बनाई और सिलेबस समझने के लिए कोचिंग भी ली. इसके बाद नोट्स बनाकर तैयारी शुरू की.

पैरा कमांडो में जाने का है सपना

गगनदीप के शिक्षक अमरदीप का कहना है कि वह खेल और पढ़ाई दोनों में हमेशा अव्वल रहे हैं. गगनदीप का सपना भारतीय सेना के पैरा कमांडो (पैरा एसएफ ) में जाने का है. वह अब फिट हैं और स्पोर्ट्स को भी नियमित रखना चाहते हैं.

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